फेसबुक और ब्लॉग्गिंग के विषय में बहुत कुछ लिखा जाता रहा है कि लोग ब्लॉग्गिंग से फेसबुक की तरफ पलायन कर गए हैं ..और अब फेसबुक पर स्टेटस लिख कर ही संतुष्ट हो जाते हैं आदि आदि. पर मेरी यात्रा उलटी रही. फेसबुक पर मैंने 2006 में ही अकाउंट बनाया था जबकि ब्लॉगिंग ज्वाइन की 2009 में . पहले फेसबुक पर मेरी फ्रेंड्स लिस्ट में सिर्फ जाने-पहचाने मित्र और रिश्तेदार ही थे पर ब्लॉग्गिंग ज्वाइन करने के बाद काफी ब्लॉग दोस्त (कर्ट्सी शोभा डे ) भी फेसबुक पर मित्रों में शुमार हो गए .
फिर भी मैं बहुत कम लोगों को ही add करती हूँ . बहुत ज्यादा सक्रिय भी नहीं हूँ..कि सबकी स्टेटस पढूं, कमेन्ट करूँ लिहाजा मेरे स्टेटस पर ज्यादा likes और कमेंट्स भी नहीं होते. वरना किसी ने लिखा, " धूप कितनी खिली हुई है ..शाम कितनी सुहानी है " और सौ दो सौ likes . किसी की बचकानी तुकबंदी पर भी लोग अश अश कर उठते हैं, और दो सौ से ऊपर लोग like कर जाते हैं. मेरी कोई स्टेटस बहुत पसंद की गयी हो तब भी चालीस से ज्यादा लोगों ने like नहीं किया .पर अभी कुछ लिख कर पोस्ट किया और हैरान रह गयी 320 likes और 29 शेयर .
मैंने लिखा था ,
"रेडियो एफ .एम. वाले पूछ रहे हैं ,"अगर आपको किसी को थैंक्यू कहना है तो हमारे माध्यम से अपना थैंक्स भेज सकते हैं "
एक लड़की का फोन आता है , " कल रात ऑफिस में बहुत देर हो गयी और मैरिन ड्राइव पर मैं टैक्सी के इंतज़ार में खडी थी .एक भी खाली टैक्सी नहीं आ रही थी. .तभी पास आकर एक टैक्सी रुकी उसमे एक लड़का बैठा था बोला , ,"आप टैक्सी में बैठ सकती हैं, जहां जाना होगा छोड़ दूंगा " पर मैं डर गयी ,उसके साथ टैक्सी में बैठने को तैयार नहीं हुई तो वह बाहर निकल आया और बोला , "आप इस टैक्सी से चले जाइये ,आपका इतनी देर रात, अकेले खड़े रहना ठीक नहीं . मैं दूसरी टैक्सी ले लूँगा ".मैं उस लड़के का नाम नहीं जानती ,उसकी शक्ल भी ठीक से नहीं देखी पर आपके माध्यम से अपना थैंक्स बोलना चाहती हूँ "
हमारी भी एक बिग थैंक्यू उस अनाम लड़के को. इतनी संवेदनशीलता सब में आ जाए फिर कैसी शिकायत रहे इस दुनिया से
हमारी भी एक बिग थैंक्यू उस अनाम लड़के को. इतनी संवेदनशीलता सब में आ जाए फिर कैसी शिकायत रहे इस दुनिया से