सोमवार, 14 मार्च 2016

साहित्यिक पत्रिका 'पाखी' में 'काँच के शामियाने' की समीक्षा

साहित्यिक पत्रिका 'पाखी' में 'कलावंती सिंह जी' द्वारा ' काँच के शामियाने' की समीक्षा ।प्रेम भारद्वाज जी एवम् कलावंती जी आपका बहुत आभार .

1 टिप्पणी:

  1. वाह... बधाइयां, पढ नहीं पा रही पर निश्चित रूप से शानदार समीक्षा होगी. रश्मि, इसे तुम ब्लॉग पर लिख के पोस्ट करो, तो सब पढ सकेंगे.

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