बुधवार, 24 अगस्त 2011

तुम्ही सो गए दास्तां कहते कहते...




अभी बस दो दिनों पहले ही,मैने  एक फ्रेंड का स्टेटस देखा,...जिसमे उन्होंने लिखा था.." कई  दिनों से एक मित्र ऑनलाइन नहीं दिख रहा था...उसका कोई कमेन्ट भी किसी के स्टेटस पर नहीं दिख रहा था तो मुझे लगा कहीं मुझे ब्लॉक तो नहीं कर दिया...खोज-बीन करने पर पता चला ..वो अब इस दुनिया में नहीं है...." उस दिवंगत मित्र के प्रोफाइल का लिंक भी था....उस पर भी क्लिक कर उसे देखा और एक सिहरन दौड़ गयी,नसों में....मेरे लिए नेट के द्वारा किसी की मृत्यु के बारे में जानने का ये पहला मौका था. कितने ही सवाल उठे मन में....इनका प्रोफाइल तो वैसे ही रहेगा...कितने ही लोग...किसी नाम को सर्च करने के दौरान इस प्रोफाइल पर क्लिक करेंगे. शायद उनकी एल्बम  भी देखेंगे और उन्हें पता भी नहीं चलेगा ,ये हँसता मुस्कुराता आदमी अब इस दुनिया में नहीं है.,....क्या पता कोई किसी फोटो, कविता  की पंक्तियों के साथ टैग कर ले....कोई किसी ग्रुप का सदस्य बना ले...कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दे...
              
इस तरह की बातें ही चल रही थीं दिमाग में और आज सुबह ही 'डा.अमर कुमार जी ' के देहावसान की खबर पढ़ी और स्तब्ध रह गयी....उन्हें भी बस नेट के माध्यम से ही जानने का मौका मिला था...सबकी तरह मैने भी उन्हें...उनकी अपने विशेष स्टाइल में लिखी...बेबाक टिप्पणियों से ही पहचाना था.

मेरी कहानी पर उन्होंने पहली बार  टिप्पणी की थी...और लिखा था.." मुझे ये उषा प्रियंवदा की 'रुकोगी नहीं राधिका' की याद दिलाती है.." मैं तो अभिभूत हो गयी थी...किसी नवोदित लेखक /लेखिका का उत्साहवर्द्धन करना वे खूब जानते थे. मैने जब उन्हें शुक्रिया कह कर  मेल भेजा 
(जैसा आलस्यवश अक्सर मैं नहीं करती और लोग नाराज़ हो जाते हैं  )..उनका बहुत ही प्यार भरा उत्तर आया...जिसमे मुझे उन्होंने "सद्यः स्नेही , कह कर संबोधित किया था...और बताया था कि वे टिप्पणी नहीं करते पर पढ़ते हमेशा  से हैं. मैं तुम्हारे पितृतुल्य हूँ...कुछ ऐसा भी लिखा था...." मुझे एक नया शब्द मिला.."सद्य स्नेही..' इस से पहले मैने ये शब्द नहीं सुना था. और मैं निश्चिन्त हो गयी कि उनकी पारखी नज़रें मेरे लेखन से गुजरती रहती हैं.  मेल से ही संपर्क बना रहता .और वे मुझे हमेशा..'सद्य स्नेही 'कहकर ही संबोधित करते....पर अब ....


जब कभी मेरे किसी पोस्ट से असहमत हुए तो असहमति भी जताई और मेरा स्पष्टीकरण पाकर संतुष्ट भी हो गए...शर्मीला इरोम वाली पोस्ट पढ़कर बहुत खुश भी हुए....और इस पोस्ट पर अपनी टिप्पणियों से लोगो का शंकानिवारण भी किया....मॉडरेशन पर वे अपनी असहमति जताते रहते थे और मैने सोच लिया था 'मॉडरेशन की मजबूरियों 'पर एक पोस्ट लिखूंगी...जिसकी शुरुआत उनके ही किसी कमेन्ट से करुँगी...और उनसे आग्रह करुँगी कि वे अपनी प्रतिक्रिया दें....अब शायद वो पोस्ट कभी ना लिखी जाए...


उनका कद ही कुछ ऐसा था कि उनके कुछ लिखे पर प्रतिकार करने में भी झिझक सी होती थी. एक जगह उन्होंने मेरा नाम "रश्मि ववेजा" लिख दिया था....और मुझे उन्हें ध्यान दिलाने की हिम्मत नहीं हुई...जबकि कोई रश्मि को रश्मी या रविजा को रवीजा लिखे तब भी मैं तुरंत टोक देती हूँ.



अभी हाल में ही उनकी बाल-मजदूर पर लिखी एक पोस्ट में फिल्म  'स्टेनली का डब्बा' का जिक्र पढ़कर मैने भी उस फिल्म के बारे में लिख डाला...और उसके बाद से ही उनका ब्लॉग नियमित रूप से देखने लगी थी...जिनमे एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था...."अपने ब्लोगिंग कैरियर से क्रमबद्ध अवसान की इस बेला ...."


और मैने टिप्पणी की थी,...."ये अवसान क्यूँ....हमने तो अभी आपको पढना शुरू किया है....आपका ये ब्लोगिंग कैरियर निर्बांध  यूँ ही चलता रहे..नए पाठक जुड़ते रहें..."


हाँ!!  दादा...हमने तो ब्लॉग जगत से नाता नहीं तोड़ने का आग्रह किया था और आपने  इस जगत से ही नाता तोड़ लिया..



39 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद दुखद ... हमारी हार्दिक श्रद्धांजलि !! भगवान् डा0 अमर कुमार के परिवार को इस दारुण दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें ... ॐ शांति शांति शांति ...

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  2. निश्चित ही डॉ अमर कुमार ब्लोगिंग के शिरोमणि थे ।
    उनके अकस्मात निधन से ब्लॉगजगत अनाथ सा हो गया है ।
    उनकी टिप्पणियों का कोई जोड़ नहीं था ।
    वे हमेशा हमारे दिल में रहेंगे ।
    विनम्र श्रधांजलि ।

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  3. दी, मेरे ब्लॉग पर भी जब वो टिप्पणी करते थे, तो मैं बहुत खुश होती थी. मुझे उनकी भाषा में अपनी मिट्टी की महक आती थी. वो इतने जिंदादिल थे कि मैं आवक रह जाती थी. शायद किसी अनदेखे के देहांत पर मैं पहली बार रोई हूँ और फूट-फूटकर रोई हूँ.

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  4. डॉ. अमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजली ।

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  5. अपने आक्रामक तेवर में अपनी बात रखते थे, ओह यह सुन कर दुख हुआ,श्रद्धांजलि.

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  6. पहला पैरा सिहरन पैदा कर देने वाला है.
    दिवंगत आत्‍मा के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि.

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  7. बेहद दुखद समाचार. ब्लॉग जगत के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है. डा0 अमर जी को विनम्र श्रद्धांजलि.

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  8. क्या कहा जाय.....डॉ अमर की ढेरों बातें जो उन्होंने टिप्पणियों पोस्टों के जरिये हम लोगों से शेयर कीये थे अब याद आए जा रहे हैं। उनके द्वारा कसा गया गहरा तंज, किसी बात पर प्यारी सी चुटकी किसी पोस्ट पर उत्साहवर्धन करती बतियां सब जैसे एक एक कर याद आती जा रही हैं।

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  9. आपकी यह पोस्ट एक मार्मिक यादगार के रूप में जानी जाएगी रश्मि !

    वे बहुत अच्छे थे , बहादुरी की एक मिसाल कायम कर गए ! डॉ होने के नाते उन्हें अपनी स्थिति की गंभीरता का बखूबी अहसास होगा मगर उन्होंने किसी प्रकार की कमजोरी नहीं दिखाई और अंत तक सक्रिय रहे !

    मोडरेशन का विरोध वे सौम्यता के साथ लगातार करते रहे ! मैंने भी यही सोंचा था कि मोडरेशन कि मजबूरी पर एक पोस्ट लिखूं और वह समर्पित इस कर्मयोगी को की जाए, अब उस पोस्ट को लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी !

    उनके बारे में कुछ पहले भी लिखा था जो उनके चरणों में समर्पित कर रहा हूँ !

    http://satish-saxena.blogspot.com/2010/08/blog-post_30.html

    http://satish-saxena.blogspot.com/2010/12/blog-post_22.html

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  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  11. nahin pata ki kis bhaav ko likhkar kaise parilakshit karoon... June me Lucknow se phone kiya tha unhen.. unhone aasheervaad dete hue milne aane ke liye bhi kaha tha.. aur papa ka khyaal rakhne ki hidaayat dete hue agli baar milne ka vaada bhi tha sath me. ab sirf vaada hi rah gaya.. mahadukh..
    nahin pata tha ki itni jaldi itni manhoos khabar sunne ko milegi..

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  12. इस दु:ख में हम भी आपके साथ हैं। श्रद्धांजलि!

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  13. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  14. डॉ. अमर कुमार जी को श्रृद्धांजलि...

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  15. ईश्वर डॉ. आनंद की आत्मा को शांति प्रदान करे..

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  16. हार्दिक श्रद्धांजलि
    aapne bhi kaisa sateek sheershk chuna hai ...oh.

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  17. डा.अमर कुमार के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिवार को इस असीम दुख को सहन करने के शक्ति प्रदान करे।

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  18. कई जगह इस मुत्तालिक प्रविष्टियाँ आई हैं... इसी से उनके प्रति लोगों का बेशुमार प्यार पता चलता है. संदेह नहीं वे एक बेहद खुबसूरत दिल के मालिक थे और उनकी कमी तो लगेगी ही. ब्लॉग्गिंग में कमेन्ट के लेन देन इतर वो इसकी एक अच्छी मिसाल थे. गुरु की तरह उनका एक सोफ्ट हार्ट अन्दर से थामता था और ऊपर ऊपर वो चोट किये जाते थे. निराश हूँ इन दिनों कुछ अच्छा नहीं हो रहा.

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  19. बहुत दुखद है. हार्दिक श्रद्धांजलि.

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  20. यह इस अजीम शख्सियत की लोकप्रियता की मिसाल है कि श्रद्धांजलियों की पोस्ट श्रृंखलाएं जारी हैं .....नम

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  21. डाक्टर अमर की मृत्यु निश्चित क्षति है ब्लॉग जगत में ... हमारी श्रधांजलि है .. प्रभू उनकी आत्मा को शान्ति दे ...

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  22. अजीब सी हलचल है दिल में..बस उनके परिवार के लिए हर पल यही प्रार्थना है कि उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति मिले...डॉ अमर को श्रद्धाजंलि !!

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  23. डाक्‌ साहिब एक बेहतर इंसान थे, एक बेहतर डाकटर. मेरी पोस्ट पढ़ एक सज्जन ने उन्हें याद किया जिनसे कि उनका संबंध ब्लाग जीवन (मेरी तरह) का नहीं था, उनके शब्द थे “ अभी रायबरेली से बात किए, तब भी यकीन नहीँ आता.. oral cancer वजह बनी उनके असमय निधन की .. हमारी निजी क्षति .. आप तो ब्लाग व लेखन के माध्यम से परिचित होँगे डा.अमर कुमार साहब से, हम तो एक अच्छे चिकित्सक, एक बेहतरीन विनोदी, बहुआयामी प्रतिभा के स्वामी व जमीनी शख्सियत के तौर पर जानते रहे डा. अमर कुमार साहब को .. इधर विगत एक साल मेँ सम्पर्क नहीँ हुआ .. पूरे इक्कीस सालोँ का साथ .. इतने सारे संस्मरण .. आगे क्या कहेँ .. अलविदा अमर Boss/सर/ दोस्त !”

    अपने सद्गुणों के चलते बेहद लोकप्रिय भी थे डाक्‌ साहिब!

    अवाक्‌-ता अभी भी बनी है! श्रद्धांजलि..!

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  24. मुझे हमेशा उनकी टिप्पणियों का इन्तजार रहता था , कभी कभार टिप्पणियाँ मिलती भी थी , मुझे कुछ देर पहले आदरणीय दराल साहब के ब्लॉग से पता चला ......
    और कुछ भी कहने के लिए शब्द नहीं हैं
    विनम्र श्रद्धांजली

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  25. डॉ सा'ब का जाना मेरे लिए स्तब्धकारी रहा

    परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे

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  26. कोई शब्द नहीं...मेरे लिए यह एक परिवारिक क्षति है..ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे. विनम्र श्रृद्धांजलि!!

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  27. डॉ. अमर कुमार के परलोक गमन का समाचार निश्चित रूप से बहुत दुखद है ! ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करें ! यही प्रार्थना है ! उनके लिये विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है !

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  28. उनसे बातें कुछ ही दफे हुई हैं वो भी ई-मेल के जरिए...मैं भी स्तब्ध था ये खबर सुन कर!!

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  29. डॉ अमर की याद हमेशा बनी रहेगी। और उनकी कमी खलती रहेगी। विनम्र श्रद्धांजलि।

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  30. आज 5 साल बाद फिरसे यह पोस्ट पढ़ी । स्मृति दिवस पर डॉ अमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजलि । शरद कोकास

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