tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post8864589946960531018..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: स्वप्न मञ्जूषा 'अदा ' का सकुचाते हुए अपने पति से मिलना और सरस दरबारी जी का रंगों के ख्याल से ही डरना rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-33970247926038572032013-04-04T00:41:48.902-07:002013-04-04T00:41:48.902-07:00aapka lekhan kamaal ka hai..padhte samay to bas ya...aapka lekhan kamaal ka hai..padhte samay to bas yahi laga ki jaise ham bhi us waqt aapke samne wali seat par baithe hon...delhi station par khidki se jhankne ke liye sharminda bhi hain...par kya karen aap thik se pahunch gayi ya nahi ye janana bhi tha... Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-52583435736905531182013-04-03T05:24:59.106-07:002013-04-03T05:24:59.106-07:00नेहा,
यही तो ऐम था, हम ही खाली-पीली काहे भुगतें , ...नेहा,<br />यही तो ऐम था, हम ही खाली-पीली काहे भुगतें , पढ़वैया भी भुगतें थोडा-बहुत :)<br />तुम्हें पसंद आया, हमारा भी जी जोडाया :)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-26701064891256895472013-04-03T05:22:12.915-07:002013-04-03T05:22:12.915-07:00अजित जी,
हम को सिर्फ़ 'आईटम संस्मरण' के लि...अजित जी,<br />हम को सिर्फ़ 'आईटम संस्मरण' के लिए साईन किया गया था, पूरी पिचर के लिए थोड़े न किया गया था :)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-11233922013140705342013-04-03T05:18:42.149-07:002013-04-03T05:18:42.149-07:00का मतलब है आपका ? :)
ई असल भी है और कहानी भी है ?...का मतलब है आपका ? :)<br />ई असल भी है और कहानी भी है ?<br />:)<br />हम बता रहे हैं आपबीती और उसे अफ़साना बता रहे हैं ?<br />बहुत बेइंसाफी है ई ..हाँ नहीं तो !<br />स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-13349374846837655962013-04-01T03:42:38.657-07:002013-04-01T03:42:38.657-07:00ada ji ne to apni lekhni se poora chitra hi prastu...ada ji ne to apni lekhni se poora chitra hi prastut kar diya laga jaise poora wakya dekh liya...aur saras ji ka sansmaran bhi kafi rochak lagaNehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-49156879929994900982013-03-29T22:00:23.150-07:002013-03-29T22:00:23.150-07:00अदाजी की अदा के क्या कहने। फोटो तो ऐसी है जेसे सा...अदाजी की अदा के क्या कहने। फोटो तो ऐसी है जेसे साहिब, बीबी और गुलाम की मीना कुमारी। पढ़कर ऐसा लग रहा था कि पिक्चर का ट्रेलर हो। भाई पूरी पिक्चर कहां हैं? सरस जी का भी संस्मरण बहुत अच्छा है। होली की सभी को बधाइयां। हम भी दो दिन के लिए होली पर बाहर चले गए थे, इसलिए इतनी मजेदार होली पढ़ने में देर हुई। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-52776422503494796322013-03-28T10:22:28.050-07:002013-03-28T10:22:28.050-07:00वाह, असल कहानी इसे कहते हैं..वाह, असल कहानी इसे कहते हैं..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-1083700065187298792013-03-28T10:16:24.196-07:002013-03-28T10:16:24.196-07:00अरे राम !
ई एकदम ठीक बात नहीं है।
रश्मि को डिस्क्...अरे राम !<br />ई एकदम ठीक बात नहीं है। <br />रश्मि को डिस्क्लेमर लगाना चाहिए था 'कमजोर दिल वाले इस पोस्ट को न पढ़ें' :)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-44841218562277132312013-03-28T10:09:12.262-07:002013-03-28T10:09:12.262-07:00अब का कहूँ आउर कैसे कहूँ !
आप जो जो लिख दीं हैं उ...अब का कहूँ आउर कैसे कहूँ ! <br />आप जो जो लिख दीं हैं उसमें से 'रोचक' 'सुरीली' माइनस करके पिलाटफ़ार्म वाली हम ही हूँ। ई सब पढ़ के एक बार फिर, मुंडी झुका के, अपने पैर के अँगूठा से जमीन कोड़ने लगे हैं हम :)<br />स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-31653996389259017682013-03-28T09:44:38.510-07:002013-03-28T09:44:38.510-07:00अरे नहीं अदा !!
उन दिनों तो छोटे थे ,युवा जगत में...अरे नहीं अदा !! <br />उन दिनों तो छोटे थे ,युवा जगत में मेरे आलेख छप जाते थे .<br />पर उसका स्तर वाकई बहुत ऊँचा था . धर्मयुग और साप्ताहिक हिन्दुस्तान के बाद आज तक उनके स्तर की एक पत्रिका देखने को नहीं मिली. rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54556949436265328542013-03-28T09:20:59.471-07:002013-03-28T09:20:59.471-07:00क्या ये वही अदाजी है ?सुरीला गाने वाली ,या की रोच...क्या ये वही अदाजी है ?सुरीला गाने वाली ,या की रोचक शैली के साथ लिखने वाली या <br />रेलवे स्टेशन वाली ।<br />सरस जी की होली जी बड़ी सरस लगी ।शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-83978647453553254812013-03-28T09:09:47.529-07:002013-03-28T09:09:47.529-07:00ई लो !
धर्मयुग और साप्ताहिक हिन्दुस्तान में छप-छु...ई लो ! <br />धर्मयुग और साप्ताहिक हिन्दुस्तान में छप-छुप कर बैठी हो आउर बात कर रही हो।<br /><br />हमरा तो इन रिसालों से बस इतना ही नाता था<br />किसी मैगजीन स्टैंड से ख़रीद कर, कोई घर ले आता था :) स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-90583528541115391542013-03-28T08:54:57.902-07:002013-03-28T08:54:57.902-07:00ई संस्मरण पढ़ के अजीब सी गुदगुदी हुई.. दिल धक-धुक ...ई संस्मरण पढ़ के अजीब सी गुदगुदी हुई.. दिल धक-धुक करने लगा। :)<br /><br />...आभार सभी का।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-65767972962161238392013-03-28T08:44:56.289-07:002013-03-28T08:44:56.289-07:00राजेश जी,
आज तक पढने-लिखने या साहित्य में जो भी र...राजेश जी, <br />आज तक पढने-लिखने या साहित्य में जो भी रूचि है , इसका पूरा पूरा श्री धर्मयुग को ही जाता .जो भी थोड़ा बहुत सीखा है, धर्मयुग पढ़कर ही सीखा है. <br />मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है कि इस परिचर्चा में आपको धर्मयुग की झलक मिली. <br /><br />धर्मयुग के स्तर का शतांश भी मेरा ब्लॉग छू ले तो मेरे लिए ये एक उपलब्धि होगी .rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-9623631642198201632013-03-27T21:17:39.875-07:002013-03-27T21:17:39.875-07:00वंदना,
@अदा जी, आपकी लेखनी से कमाल के हास्य का सृज...वंदना,<br />@अदा जी, आपकी लेखनी से कमाल के हास्य का सृजन होता है, अगर आप चाहें तो :) <br /><br />तुम्हारी इस बात पर पता नहीं क्यूँ कुछ लिखने को दिल कर गया, देखते हैं शायद एक शेर निकल ही आये :)<br /><br />चाहते तो हम भी हैं, ज़ुबां हमारी फूल बरसाए <br />पर क्या करूँ, मेरे शहर में अक्सर पत्थरों की बारिश होती है :)<br /><br />अरे वाह ई तो हो गयी शायारी..<br />आदाब अर्ज़ है !<br />स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-13210708626432350052013-03-27T21:05:36.684-07:002013-03-27T21:05:36.684-07:00हमरा कपार पर चश्मा देख के ई मत समझिये की हम बचपने ...हमरा कपार पर चश्मा देख के ई मत समझिये की हम बचपने से आन्हर हूँ ...<br />अगर जे पहचानने का गनीमत नहीं हुआ होता तो फजीहत न हो जाता :)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-58942103259437666302013-03-27T20:35:33.533-07:002013-03-27T20:35:33.533-07:00अदा जी, आपकी लेखनी से कमाल के हास्य का सृजन होता ह...अदा जी, आपकी लेखनी से कमाल के हास्य का सृजन होता है, अगर आप चाहें तो :) नमूना पेश कर दिया है आपने. बहुत बहुत बधाई.<br />सरस जी, आपका संस्मरण भी खूब सरस है :) बधाई.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-10640057540202763842013-03-27T20:12:15.908-07:002013-03-27T20:12:15.908-07:00गनीमत है सही चेहरा पहचाना अदा जी ने !
सरस जी की घ...गनीमत है सही चेहरा पहचाना अदा जी ने !<br />सरस जी की घबराई होली !<br />दोनों संस्मरण रोचक लगे !<br />बहुत शुभकामनायें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-3460389565616748362013-03-27T18:20:06.151-07:002013-03-27T18:20:06.151-07:00काहे नहीं, ज़रा सा हम साफ़ लिख दिए तो हमारा रोल ही...काहे नहीं, ज़रा सा हम साफ़ लिख दिए तो हमारा रोल ही बदल दिया ?<br />माने हम हीरो 'वो' हिरोइन ?स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-26481189316045518342013-03-27T06:48:05.025-07:002013-03-27T06:48:05.025-07:00अच्छी प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनाएं...अच्छी प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनाएं...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-26470428583152782142013-03-27T00:11:40.317-07:002013-03-27T00:11:40.317-07:00होली की महिमा न्यारी
सब पर की है रंगदारी
खट्टे म...होली की महिमा न्यारी <br />सब पर की है रंगदारी <br />खट्टे मीठे रिश्तों में <br />मारी रंग भरी पिचकारी <br />होली की शुभकामनायेंvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-15535728699641075412013-03-26T22:51:37.460-07:002013-03-26T22:51:37.460-07:00ऐसा लगा,धर्मयुग या साप्ताहिक हिन्दुस्तान की किस...ऐसा लगा,धर्मयुग या साप्ताहिक हिन्दुस्तान की किसी परिचर्चा में शामिल संस्मरण पढ़ रहे हैं...मजेदार एकदम..झकास...। राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-10973206389100425602013-03-26T21:29:26.861-07:002013-03-26T21:29:26.861-07:00बेहतरीन,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.बेहतरीन,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-41347576771070835562013-03-26T20:09:56.689-07:002013-03-26T20:09:56.689-07:00बहरहाल स्वप्न मंजूषा शैल अदा जी वाले संस्मरण का मज...बहरहाल स्वप्न मंजूषा शैल अदा जी वाले संस्मरण का मजा तब है जब उसे सारा का सारा उलट कर पढ़ा जाए :)<br /><br />मसलन पतिदेव अपने सहयात्री मारवाड़ी अंकल आंटी के पैर छूकर,किंचित लजाये सिमटे से प्लेटफार्म पर खड़े रहे,इधर अपने चेहरे पर हज़ार वाट के बल्ब जलाये स्वप्न शैल ने लपक कर ... उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-78421153587374744782013-03-26T19:49:24.675-07:002013-03-26T19:49:24.675-07:00बहुत बहुत धन्यवाद मैडम जी, हमलोगों को ई मौका देने ...बहुत बहुत धन्यवाद मैडम जी, हमलोगों को ई मौका देने के लिए :)<br />सरस जी की बातें बड़ी रसभरी लगीं हैं, उनका भी आभार। उन्हें होली की ढेर सारी शुभकामना<br />और सपरिवार तुमको होली मुबारक !स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com