tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post801392421105789345..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: स्मृतियों में बसा वसंत पंचमी का दिन rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-91884219991339738482017-02-03T21:51:19.497-08:002017-02-03T21:51:19.497-08:00आँखों के आगे सारा खाका खींच के रख देती हैं आप...बह...आँखों के आगे सारा खाका खींच के रख देती हैं आप...बहुत अच्छा लगा इसे पढ़ के...| प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-6771885154328709872014-04-13T20:24:32.640-07:002014-04-13T20:24:32.640-07:00वैसे ये तो याद है इस पोस्ट को मैंने पढ़ा था...ये वा...वैसे ये तो याद है इस पोस्ट को मैंने पढ़ा था...ये वाला भी और इसके पहले की जो पोस्ट है, रस्मों वाली...वो भी....लेकिन मेरा कमेन्ट नहीं..या तो गया नहीं होगा या फिर मेरी गलती....थोड़ा जल्दबाजी में रहा हूँगा तो कमेन्ट पोस्ट होने के पहले शायद ब्राउज़र टैब बंद कर दिया हूँगा....एनीवे, आज पढना है आपका ही ब्लॉग...समय निकाल कर :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-5066740564444292552014-04-13T20:22:58.378-07:002014-04-13T20:22:58.378-07:00बहुत सुन्दर पोस्ट दीदी :) बहुत सुन्दर पोस्ट दीदी :) abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-46842819675571584862014-02-20T04:14:32.357-08:002014-02-20T04:14:32.357-08:00बहुत प्यारा संस्मरण है रश्मि..बहुत प्यारा संस्मरण है रश्मि..वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-59258293348807361682014-02-16T21:29:17.477-08:002014-02-16T21:29:17.477-08:00आपके यादों की पिटारी देखकर अच्छा लगा. पुरानी यादें...आपके यादों की पिटारी देखकर अच्छा लगा. पुरानी यादें हमेशा सुखद होती हैं...<br />सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-43003966462320384512014-02-11T02:01:29.765-08:002014-02-11T02:01:29.765-08:00हमने तो दुबई में भी बसंत पंचमी मनाई इस बार ...
त्...हमने तो दुबई में भी बसंत पंचमी मनाई इस बार ... <br />त्यौहार को मनाना तो दिल की बात है ... उत्साह हो तो सब कुछ हो जाता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-83973650669099963512014-02-06T08:09:06.427-08:002014-02-06T08:09:06.427-08:00जीवन की मधुर यादें, आनंद दायक हैं ! जीवन की मधुर यादें, आनंद दायक हैं ! Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-58020249202483245062014-02-06T06:03:57.552-08:002014-02-06T06:03:57.552-08:00इतनी श्रद्धा से पूजती थीं तभी तो माँ सरस्वती की इत...इतनी श्रद्धा से पूजती थीं तभी तो माँ सरस्वती की इतनी कृपा है तुम पर !!!<br />हम भी बचपन से अपनी किताबें पूजा में रखते थे....खुद पर confidence नहीं था इसलिए सभी रख देते थे,यहाँ तक की सिलेबस भी :-)<br />माँ देर सारे काजू किशमिश दाल कर पीले मीठे चावल बनाती थीं....<br />आज कल हम बच्चों की पुस्तकें रख देते हैं पूजा में,....पीला पहन लेते हैं....पीले फूल और लड्डू चढ़ा कर माँ की full कृपा की आस लगाये रहते हैं !! <br />:-)<br />well crafted post !!<br />अनुलता ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-5053004965316999902014-02-06T02:14:36.402-08:002014-02-06T02:14:36.402-08:00वसंत पंचमी के बहुत सुन्दर संस्मरण.आज भी बहुत ज्याद...वसंत पंचमी के बहुत सुन्दर संस्मरण.आज भी बहुत ज्यादा फर्क तो नहीं आया है,सिवाय तड़क-भड़क के और विसर्जन पर डीजे की धुन पर नाचते हुड़दंगियों के.<br />नई पोस्ट : <a href="http://dehatrkj.blogspot.in/2014/02/blog-post.html" rel="nofollow"> प्रकृति से मानव तक </a><br /> राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-77839326421236228082014-02-05T21:41:53.332-08:002014-02-05T21:41:53.332-08:00प्यारा पोस्ट...... बचपन में मनाए गए अपने घर बिहार ...प्यारा पोस्ट...... बचपन में मनाए गए अपने घर बिहार में सरस्वती पूजा की याद ताजा हो गयी.. बिल्कुल हम सब भी इसी तरह स्कूल में मानते थे... टेंथ में पूजा के दिन साड़ी पहन के जाना होता था और भी सारी बाते .... Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-61561620210645613362014-02-05T07:56:39.805-08:002014-02-05T07:56:39.805-08:00कितना कुछ याद दिला दिया आपने.. एक्दम ऐसा लगा कि हम...कितना कुछ याद दिला दिया आपने.. एक्दम ऐसा लगा कि हमारे बचपन और स्कूल के दिन वापस आ गए!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-39211109312240716242014-02-05T04:28:43.734-08:002014-02-05T04:28:43.734-08:00सुंदर स्मृतियाँ ...शुभकामनायें सुंदर स्मृतियाँ ...शुभकामनायें डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-65485197461264490672014-02-04T23:12:04.595-08:002014-02-04T23:12:04.595-08:00बंगाल क्षेत्र में तो उत्साह देखते ही बनता है।बंगाल क्षेत्र में तो उत्साह देखते ही बनता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-26962331079213275872014-02-04T20:06:27.632-08:002014-02-04T20:06:27.632-08:00दुर्गा पूजा , सरस्वती पूजा दोनों का ही उल्लास कम...दुर्गा पूजा , सरस्वती पूजा दोनों का ही उल्लास कम नहीं होता था। दूसरी स्कूलों में झांकिया देखें भी जाते था। राजस्थान में तो विद्यालयों में भी इतनी धूम नहीं होती , हमारी स्मृतियों में तो है , बच्चे तो जानते भी नहीं !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-38625373033823491152014-02-04T10:22:40.879-08:002014-02-04T10:22:40.879-08:00मैंने भी सरस्वती पूजा बिहार ( आज के झारखंड ) जाकर ...मैंने भी सरस्वती पूजा बिहार ( आज के झारखंड ) जाकर ही देखी. हम तो वसंत पंचमी ही मनाते थे. पीले वस्त्र और मंदिर में बच्चों की तरह तरह की प्रतिस्पर्धाएँ होती थीं.ghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-52642965316372237792014-02-04T09:14:12.589-08:002014-02-04T09:14:12.589-08:00"हम रात में ही कठिन विषय वाली किताबें सरस्वती..."हम रात में ही कठिन विषय वाली किताबें सरस्वती जी के आस-पास रख देते थे कि शायद उसमें थोड़ी विद्या आ जाए. "<br /><br />अरे इस नुस्खे का पता होता तब तो परीक्षा में मेहनत करने की जरूरत ही ना पड़ती :)<br />Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.com