tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post6965050065351286104..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: ऊसर भारतीय आत्माएं (कविता )rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-70273786937948110962013-05-07T00:32:50.801-07:002013-05-07T00:32:50.801-07:00तू क्रांति का कोई बीज
ऊसर हो गयी है,'सारी भारत... तू क्रांति का कोई बीज<br />ऊसर हो गयी है,'सारी भारतीय आत्मा' आज.--जब हर घर से एक शहीद होने के लिए आगे आयेगा तब क्रांति होगी !<br />डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को <br />अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को<br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/05/blog-post_6.html#links" rel="nofollow">'वनफूल'</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-21555707680535996452013-05-06T01:44:35.605-07:002013-05-06T01:44:35.605-07:00कविता के माध्यम से जब दिल के भाव निकल के आते हैं त...कविता के माध्यम से जब दिल के भाव निकल के आते हैं तो वो सीधे आत्मा तक जाते हैं ... <br />सोचने को विवश करती ... प्रभावी लेखनी ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-65056253160382073942013-05-05T21:18:57.343-07:002013-05-05T21:18:57.343-07:00पुरानी कवितायेँ पढ़ते यह अहसास होता है की हम बस एक...पुरानी कवितायेँ पढ़ते यह अहसास होता है की हम बस एक गोल घेरे में घूम रहे हैं , कही कुछ नहीं बदलता !<br />कालजयी कविता हो गयी न फिर तो !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-72385260940434531642013-05-05T08:01:06.381-07:002013-05-05T08:01:06.381-07:00बहुत शानदार कविता है रश्मि.बहुत शानदार कविता है रश्मि.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-90954676693328719532013-05-05T00:06:21.302-07:002013-05-05T00:06:21.302-07:00नहीं बो सकती,
तू क्रांति का कोई बीज
ऊसर हो गयी है...नहीं बो सकती, <br />तू क्रांति का कोई बीज<br />ऊसर हो गयी है,'सारी भारतीय आत्मा' आज.<br /><br />आज की परिस्थितियों का चित्रण है यह कविता.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-84593587543331169882013-05-04T23:21:42.491-07:002013-05-04T23:21:42.491-07:00कोयल की कूक कवि हृदय को सदा ही आकर्षित करती रही है...कोयल की कूक कवि हृदय को सदा ही आकर्षित करती रही है। आपकी कविता टीस जगाती, सोचने पर विवश करती है। देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-37664127816226787422013-05-04T10:22:50.552-07:002013-05-04T10:22:50.552-07:00दर्द की सही अभिव्यक्ति ..दर्द की सही अभिव्यक्ति ..Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-29275344285311862732013-05-04T09:55:00.716-07:002013-05-04T09:55:00.716-07:00ओह ....कहाँ तक उतर गई आपकी बात ....आज तो यही परिस्...ओह ....कहाँ तक उतर गई आपकी बात ....आज तो यही परिस्थितियां हैं डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-45869498614749830022013-05-04T09:34:13.249-07:002013-05-04T09:34:13.249-07:00मौन हो जा कोकिल
मत कर व्यर्थ
अपनी शक्ति,नष्ट
नहीं...<b>मौन हो जा कोकिल<br />मत कर व्यर्थ <br />अपनी शक्ति,नष्ट<br />नहीं बो सकती, <br />तू क्रांति का कोई बीज<br />ऊसर हो गयी है,'सारी भारतीय आत्मा' आज.</b><br />सच ही तो है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-67451564398338096432013-05-04T08:42:13.687-07:002013-05-04T08:42:13.687-07:00मौन हो जा कोकिल
मत कर व्यर्थ
अपनी शक्ति,नष्ट
नहीं...मौन हो जा कोकिल<br />मत कर व्यर्थ <br />अपनी शक्ति,नष्ट<br />नहीं बो सकती, <br />तू क्रांति का कोई बीज<br />ऊसर हो गयी है,'सारी भारतीय आत्मा' आज.<br /><br />आपकी सोच और भावों को नमन, बहुत हृदयस्पर्षि रचना.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-37299144278466128912013-05-04T08:38:59.490-07:002013-05-04T08:38:59.490-07:00अति सुन्दर कविता के माध्यम से विचारणीय विवशता भा...अति सुन्दर कविता के माध्यम से विचारणीय विवशता भाव। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-10525252982200619422013-05-04T07:21:12.189-07:002013-05-04T07:21:12.189-07:00वह नहीं बद्ध, स्वर में अपने गायेगी,
हम रहे रुद्ध, ...वह नहीं बद्ध, स्वर में अपने गायेगी,<br />हम रहे रुद्ध, हमको अाहत कर जायेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-60402834310035811252013-05-04T06:14:39.278-07:002013-05-04T06:14:39.278-07:00मैंने पढ़ी ,और कैसा संयोग है,मैंने फेसबुक पर लिंक ...मैंने पढ़ी ,और कैसा संयोग है,मैंने फेसबुक पर लिंक डाला और ठीक उसी वक़्त आपने भी जिस नोट में टैग किया वो कविता भी कोयल पर ही है .<br /><br />आपकी कविता एक अलग सा ही भाव जगाती है और उसकी कूक को एक अलग दृष्टि से देखने(सुनने ) के लिए मजबूर करती है. rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-84868187714374018862013-05-04T06:07:54.277-07:002013-05-04T06:07:54.277-07:00एक कुक ने ह्रदय में कितने भाव जगा दिए!! आपके विद्य...एक कुक ने ह्रदय में कितने भाव जगा दिए!! आपके विद्यार्थी जीवन की कविता, लेकिन दुर्भाग्य देखिये इस देश का कि आज भी कुछ नहीं बदला.. मैंने भी कोयल की कुक से उपजे भावों से एक कविता लिखी थी.. अलग, एक नारी ह्रदय से सोचकर.. फेसबुक पर है, मेरे नोट्स में.. शायद पसंद आये आपको!!<br />आपकी कविता बहुत पसंद आयी!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com