tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post6943839227293886521..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: आज प्रस्तुत हैं..रश्मि प्रभा, ललित शर्मा, ताऊ रामपुरिया, वाणी गीत, शरद कोकास , रेखा श्रीवास्तव , अविनाश वाचस्पति के बचपने भरे किस्सेrashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-81912596437781989472011-06-17T09:01:57.931-07:002011-06-17T09:01:57.931-07:00ललित जी, तस्वीर तो प्रोफाइल फोटो के लायक है.ललित जी, तस्वीर तो प्रोफाइल फोटो के लायक है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-90447097033604970022010-11-17T16:45:26.756-08:002010-11-17T16:45:26.756-08:00अति सुन्दर संकलन। मज़ा आ गया, आभार!अति सुन्दर संकलन। मज़ा आ गया, आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-88219099406642877002010-11-17T09:47:07.120-08:002010-11-17T09:47:07.120-08:00एक भेद मैं भी खोल ही दूं
बचपना कह रहे हैं जिसे
वो...एक भेद मैं भी खोल ही दूं<br /><br />बचपना कह रहे हैं जिसे<br />वो युवा होने पर कही जाती है मूर्खता<br />और बुजुर्ग होने पर साठियाना<br />बचपन में मान लिया जाता है इसे<br />बचपना बचपना बचपना बचपना बचपना<br /><br />गिरिजेश जी बच्चा मासूम होता है इसलिए उसे कबूतर मान लिया गया है और बड़ा होने पर या तो सौदागर होता है या होता है भेडि़या, मतलब बिल्लियाना हरकतें। ये आदतें नहीं होतीं, होती हैं हरकतें। कही जाती हैं करतूतें।अविनाशhttps://www.blogger.com/profile/12528740302165333781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-29955736832878973612010-11-17T08:00:35.842-08:002010-11-17T08:00:35.842-08:00aur vani ... mujhse darke hi rahna , kyonki yahan ...aur vani ... mujhse darke hi rahna , kyonki yahan main badee hunरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-45490397113339919642010-11-17T07:58:42.960-08:002010-11-17T07:58:42.960-08:00bachchon ko akatrit karne ke liye rashmi ji ek tof...bachchon ko akatrit karne ke liye rashmi ji ek toffeeरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-55459481783284843982010-11-17T06:05:09.300-08:002010-11-17T06:05:09.300-08:00बचपन के दिन भुला न देना इसीलिए कहा जाता है। पढ़कर ...बचपन के दिन भुला न देना इसीलिए कहा जाता है। पढ़कर अपना बचपना भी याद आ गया। रश्मि जी को इस आयोजन के लिए बधाई।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-41005855899564374832010-11-17T03:12:24.244-08:002010-11-17T03:12:24.244-08:00अच्छा बचपना है ......अच्छा बचपना है ......मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-61971685912851932512010-11-17T02:51:58.199-08:002010-11-17T02:51:58.199-08:00@ ali
ताऊ जी आयन्दा से होली से बचने के लिए हम भी ...@ ali<br /><br /><b>ताऊ जी आयन्दा से होली से बचने के लिए हम भी सपत्नीक शहर से बाहर जायेंगे :)</b><br /><br />अलग से बाहर जाने की क्या जरूरत है जी? अबकि बार होली पर काशी नरेश मिसिर जी के <br />यहां चलते हैं, ताई वहां पर मिसराईन जी के साथ साथ Mrs. ali को भी लट्ठ मारने की <br />ट्रेनिंग दे देगी, आपका भी काम मुफ़्त में हो जायेगा.:)<br /><br /><br />बाकी जो जो भी इनाम वगैरह रखे हैं वो कहां से लेने आना है, हमे सुचित कर दिया जाये, आकर<br />ले जायेंगे.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54397217135680480522010-11-17T02:51:36.959-08:002010-11-17T02:51:36.959-08:00@ Arvind Mishra
ताऊ को भी आयी तो होली की ही याद आ...@ Arvind Mishra<br /><br /><b>ताऊ को भी आयी तो होली की ही याद आयी और मुझे डरा गयी</b><br /><br />मिसिर जी इसी लिये आपको कब से समझा रहे हैं कि ताऊ के साथ रहा करिये.<br />आप भी लट्ठ खाने, होली खेलने यानि कुछ भी उट्पटांग करने से डरना छोड देंगे.<br />और एक फ़ायदा मुफ़्त में होगा कि आपको दस बीस लट्ठ रोज ठोकनें में मिसराइन जी<br />का भी अच्छा खासा व्यायाम हो जाया करेगा, हैल्थ क्लब के पैसे भी बचेंगे,:) आगे आपकी<br />मर्जी, कोई जबरदस्ती थोडे ही है कि मिसिर जी ये बात तो माननी ही पडेगी.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-23458550775200409062010-11-17T02:51:12.994-08:002010-11-17T02:51:12.994-08:00@ वाणीगीत
ताऊ जी ...घर जाकर कितने लट्ठ पड़े ...ब...@ वाणीगीत<br /><br /><b>ताऊ जी ...घर जाकर कितने लट्ठ पड़े ...बताना भूल गए ..</b><br /><br />अब आपसे क्या छुपाना? हमारी रोज की खुराक के बारे में बता देते हैं फ़िर<br />खुद ही अंदाजा लगा लिजियेगा.:)<br /><br />नाश्ते में दो लट्ठ, लंच मे चार और डिनर में सिर्फ़ एक. क्युंकि डिनर ताई हमेशा<br />हल्का फ़ुल्का ही कराती है.:)<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-88025929932527162882010-11-17T02:50:49.345-08:002010-11-17T02:50:49.345-08:00@गिरिजेश राव
सांत्वना पुरस्कार ही सही, जिंदगी में...@गिरिजेश राव<br /><br />सांत्वना पुरस्कार ही सही, जिंदगी में कभी कोई पुरस्कार मिला तो सही.<br />वर्ना तो आज तक लट्ठ ही मिले हैं.:) कहां लेने आना है? बताईये.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-61462369343698079382010-11-17T02:50:29.482-08:002010-11-17T02:50:29.482-08:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-63213407665493579532010-11-17T02:50:22.630-08:002010-11-17T02:50:22.630-08:00आयोजन बडा अनूठा और सुरूचिपुर्ण है, टिप्पणीकारों ने...आयोजन बडा अनूठा और सुरूचिपुर्ण है, टिप्पणीकारों ने भी इस पोस्ट को ताजगी देने में <br />महती योगदान दिया है, वो भी बधाई के पात्र हैं, बस डाक्टर अमरकुमार जी की टिप्पणि<br />की जरूरत है जो इस आयोजन को चार चांद लगा देगी, देखते हैं कहीं ना कहीं से प्रकटेंगे गुरूदेव.<br /><br />इस तनाव भरे माहोल में कुछ पल के लिये शरारतों में डूब जाना ताजगी देता है. <br />बहुत बधाई और शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-89007272351740804082010-11-17T02:48:59.242-08:002010-11-17T02:48:59.242-08:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-81806057425457917022010-11-17T00:24:49.627-08:002010-11-17T00:24:49.627-08:00@अरविन्द जी,
संस्मरणकर्ता ही खिलाएं तो मजा आए ना.....@अरविन्द जी,<br />संस्मरणकर्ता ही खिलाएं तो मजा आए ना...संयोजक तो इस आयोजन को पूरा करने में ही थक गयी है (वैसे आपकी ज़र्रानावाजी है कि इसे अभूतपूर्व कहा...कोटिशः धन्यवाद)<br />वैसे भी रश्मि जी ने तो पूरी रेसिपी दे दी है...एक बार खुद ही कोशिश कर लीजिये :)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-37927527662352524402010-11-16T23:57:29.089-08:002010-11-16T23:57:29.089-08:00@अजित जी,
परिचर्चा तो ऐसी ही होती है...एक साथ कई ल...@अजित जी,<br />परिचर्चा तो ऐसी ही होती है...एक साथ कई लोगों के विचार, एक ही विषय पर एक साथ प्रस्तुत किए जाते हैं.....'आमंत्रण' में भी मैने 'परिचर्चा' का ही जिक्र किया था और ब्लॉग का ख्याल कर ही इसे कुछ किस्तों में पोस्ट किया.<br /><br />आपका समय तो जरूर ज्यादा लगा होगा पर आनंद तो आया ना, पढने में ? :)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-16063510625698213222010-11-16T23:48:02.983-08:002010-11-16T23:48:02.983-08:00@वाणी
अदा तो इतनी व्यस्त है....उम्मीद भी नहीं की थ...@वाणी<br />अदा तो इतनी व्यस्त है....उम्मीद भी नहीं की थी....मेल तो फिर भी भेजा था....तुम्हे तो उसके बचपने के कितने किस्से पता होंगे....और ख़ूबसूरत सी तस्वीर मेरे पास है...बस लिख भेजो...मेटेरिअल तो सारा है ही....अदा के लिए एक सरप्राइज़ होगा :)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-72622029748552728432010-11-16T23:44:04.331-08:002010-11-16T23:44:04.331-08:00@गिरिजेश जी,
मैं तो सिर्फ संयोजक हूँ...स्पॉन्सर तो...@गिरिजेश जी,<br />मैं तो सिर्फ संयोजक हूँ...स्पॉन्सर तो आप हैं....पुरस्कार का आइडिया आपका है,ना :)<br />बस दे डालिए...देखिए इतने भले हैं , कंटेस्टेंट {ये आपने उन्हें बना दिया है...मैने नहीं :) } ...एक चॉकलेट पर भी मान जाने वाले....अब देर किस बात की...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-83633300670151190672010-11-16T23:22:06.747-08:002010-11-16T23:22:06.747-08:00गिरिजेश जी से सहमत हूँ अधिकांशत: बचपन पर लिख रहे स...गिरिजेश जी से सहमत हूँ अधिकांशत: बचपन पर लिख रहे सब बचपने पर नहीं…………जो आज भी जीवन्त हो कहीं ना कहीं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-59616070390003323012010-11-16T22:45:28.974-08:002010-11-16T22:45:28.974-08:00मैं चावल के माड़ की बर्फी चखना चाहता हूँ -कौन चखाय...मैं चावल के माड़ की बर्फी चखना चाहता हूँ -कौन चखायेगा,संस्मरण कर्ता या इस अभूतपूर्व आयोजन की संयोजक ?<br />ललित जी लाटा ? कभी चाटा नहीं ,देखा सुना भी नहीं ! ई आम वाला त दिल का धड़कन बढ़ा दिया ...जो पेड़वा पर रह गया था ऊ कैसे बचा ?<br />ताऊ को भी आयी तो होली की ही याद आयी और मुझे डरा गयी<br />बालिका वाणी का फोटो भी एक उपलब्धि रही इस आयोजन की .......<br />एक से बढ़कर एक नटखट शिअतन बड़े बच्चे !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-379182942306204412010-11-16T21:47:29.847-08:002010-11-16T21:47:29.847-08:00ईश्वर का कोटि कोटि धन्यवाद कि रश्मि प्रभा जी मेरी ...ईश्वर का कोटि कोटि धन्यवाद कि रश्मि प्रभा जी मेरी छात्रा नहीं थी और ना ही मैं बर्फी का शौक़ीन :)<br /><br />पिटने से बचने के लिये आम तोड़ने और आधा खाकर फेंकने का आइडिया बहुत ही भयंकर/विस्फोटक है , ललित जी , आई मीन, फलाने महाराज के लइ़का जी :)<br /> <br />रेखा जी आपके स्टुडेंट्स बहुत अच्छे थे वर्ना शिक्षकीय अनुशासन के चक्कर में आप का बचपना बचपन में ही खो गया था :)<br /><br />ताऊ जी आयन्दा से होली से बचने के लिए हम भी सपत्नीक शहर से बाहर जायेंगे :)<br /><br />अविनाश जी माँ की गोद तो ठीक है बंधु पर बचपने में कबूतर और बिल्ली का क्या चक्कर है ज़रा खुलासा कीजियेगा :)<br /><br />पड़ोसियों से तीमारदारी करवाने की खातिर आपने अपना हाथ जला लिया कोकास जी :)<br /><br />सीटियाँ और गाने तो ठीक हैं वाणी जी पर अपने ही बच्चों की चाकलेट / आइसक्रीम पर निगाहें तौबा तौबा :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68083656984508339422010-11-16T21:18:22.737-08:002010-11-16T21:18:22.737-08:00सारे ही एक साथ पेल दिए। एक-एक कर परोसती तो आनन्द ...सारे ही एक साथ पेल दिए। एक-एक कर परोसती तो आनन्द लेकर पढ़ते। चलिए सभी के बारे में जानकर अच्छा लगा।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-49265663056033600232010-11-16T21:02:19.175-08:002010-11-16T21:02:19.175-08:00अच्छा लगा आप का यह प्रयास. एक जगह कई बेहतरीन बातें...अच्छा लगा आप का यह प्रयास. एक जगह कई बेहतरीन बातें मिल जाती हैं.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-53130730670773070392010-11-16T20:55:41.628-08:002010-11-16T20:55:41.628-08:00एकदम यूनिक है ये जो आपने शुरू किया है दी...बहोत मज...एकदम यूनिक है ये जो आपने शुरू किया है दी...बहोत मजा आ रहा है पढ़ने में...:)<br />सबके बचपन के इतने किस्से ..वाह :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-79374263088482966842010-11-16T20:47:57.058-08:002010-11-16T20:47:57.058-08:00बहुत अच्छी श्रृंखला पेश की है ....सभी एक से बढ़ कर...बहुत अच्छी श्रृंखला पेश की है ....सभी एक से बढ़ कर एक संस्मरण ....इस प्रस्तुति के लिए आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com