tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post2582636721616978605..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: कहीं देखा है,आपको...rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger50125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-56059328635009558622012-11-04T00:29:10.723-07:002012-11-04T00:29:10.723-07:00चलो अपन को अब तक ऐसा कोई नहीं मिला। उम्मीद है कि ...चलो अपन को अब तक ऐसा कोई नहीं मिला। उम्मीद है कि आप जब मिलेंगी तो जरूर ही कहेंगी,' आपको पहले भी कहीं देखा है।'<br />*<br />पूरे लेख की जान तो ."कभी कभी भीड़ में भी कोई चेहरा अपना सा लगता है...देखते ही लगता है...इसे कहीं देखा है ..जाना पहचान चेहरा है. उस चेहरे से अपनापन झलकता है , कुछ ऐसा ही चेहरा था उसका. " यही पंक्तियां हैं। भले ही आपकी न हों। <br />*<br />आपको ऐसा चेहरा मोहरा मिला, जो सबको पहचाना सा लगे, इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-89454515170139342002012-10-16T08:18:45.316-07:002012-10-16T08:18:45.316-07:00ऐसी रचना बार बार पढने को मन करता है ......ऐसी रचना बार बार पढने को मन करता है ......Darshan Darveshhttps://www.blogger.com/profile/12199453189017666485noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-87858859019923551662012-10-12T20:58:19.983-07:002012-10-12T20:58:19.983-07:00रश्मि मन करता है तुम्हारे लेख ख़त्म ही न हों .बस ...रश्मि मन करता है तुम्हारे लेख ख़त्म ही न हों .बस पढ़ती जाऊं..जैसे बहता हुआ पानी ....और तुम्हारा व्यक्तितिव किसी को भी अपना बना ले ...जैसे मुझे ...कितने दिन हुए हैं तुम्हे जाने हुए,, लेकिन लगता है पहचान वर्षों पुरानी है ...बस ऐसा ही होना चाहिए इन्सान को ..पापा कहते थे ...जबकोई तुमसे मिलकर हटे ...तो उसे यह अहसास हो ..की आज किसी अच्छे इंसान से मिला ...अफ़सोस न हो ...Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-80812432279517737402012-10-12T02:47:25.213-07:002012-10-12T02:47:25.213-07:00द गर्ल नेक्स्ट डोर..:)द गर्ल नेक्स्ट डोर..:)दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-33012889606705303002012-10-11T20:24:03.324-07:002012-10-11T20:24:03.324-07:00इसे 'वेन डाइग्राम' अथवा 'सेट थेयरी'...इसे 'वेन डाइग्राम' अथवा 'सेट थेयरी' से आसानी से समझा जा सकता है | प्रत्येक व्यक्ति स्वयं में एक सेट है अथवा एक वृत्त है और सभी सेट ईश्वर के सबसेट हैं , इश्वर का सेट युनिवर्सल सेट कहलाता है | जब दो सेट या अधिक सेटों को आपस में इंटर सेक्ट कराते हैं तब एक कामन सबसेट बनता है | आपका स्वयं का सेट जब बहुत बड़ा होता है अर्थात व्यक्तित्व का स्पेक्ट्रम बहुत व्यापक होता है तब अन्य तमाम लोगों में व्याप्त थोड़े थोड़े गुण आप से कामन हो जाते हैं | स्वभाविक तौर पर उन सब लोगों को अपना एक हिस्सा आपके सेट में कामन दिखता है और वे बरबस कह उठते हैं 'आपको कहीं देखा है " |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-69523561632171721482012-10-11T04:59:21.623-07:002012-10-11T04:59:21.623-07:00ब्लॉग वर्ल्ड मे पहला पोस्ट है I कल पेड़ मे अमरूद दे...ब्लॉग वर्ल्ड मे पहला पोस्ट है I कल पेड़ मे अमरूद देख रहा था तो हर डाली मे नज़र घुमाते एक पका सा अमरूद आखिर मे मिल ही गया I ऐसे ही ब्लॉग वर्ल्ड मे विचरते आप के ब्लॉग पर नज़र गयी तो लगा कुछ और मिला I बहुत हद मैं भी सहमत हू, मेरे साथ भी कई बार ऐसा ही हुआ है और मैने भी अपने वजूद को सार्वजनिक संपति के रूप मे मानते हुए कई अजनबी लोगो की यादों की छाप सहर्ष स्वीकारी है, मगर मेरे कुछ अनुभव अलग से भी है I कई बार अपनों की बीच मे मुझे पहचाना नहीं गया है है I वो मुझे मेरी शक्ल से तो पहचान लेते हैं मगर किसी की पहचान उसका चेहरा ही हो ऐसा शायद नहीं है, ऐसे मे देखने मे और पहचानने मे कुछ अंतर पाता हूँ I खैर अब ऐसा है तो है Iहद तो तब है जब आईने के सामने होने पर भी कहीं से आवाज़ आती है " पहचान कौन "सात्युकीhttps://www.blogger.com/profile/00430848449144563943noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-11679593105123700022012-10-10T12:15:20.360-07:002012-10-10T12:15:20.360-07:00मैंने भी आपको कहीं देखा है. :)
घुघूतीबासूतीमैंने भी आपको कहीं देखा है. :)<br />घुघूतीबासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-210192433107726802012-10-10T11:05:50.682-07:002012-10-10T11:05:50.682-07:00रोचक पोस्ट..अब अगर ऐसा वाकया हुआ तो आपके अनुभव का ...रोचक पोस्ट..अब अगर ऐसा वाकया हुआ तो आपके अनुभव का फ़ायदा मिलेगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-50140828862418759382012-10-10T10:08:31.070-07:002012-10-10T10:08:31.070-07:00कुछ चेहरे बहुत आत्मीय होते हैं और अपने से लगते हैं...कुछ चेहरे बहुत आत्मीय होते हैं और अपने से लगते हैं... मुझसे कभी किसी ने नहीं कहा..लेकिन मुझे अक्सर लोग जाने पहचाने लगते हैं... कई बार पूछ भी देता हूँ.... कुछ ऐसे अनजाने लोग अब दोस्त हैं...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-17295215767690384062012-10-10T05:39:21.815-07:002012-10-10T05:39:21.815-07:00कहते हैं की हर व्यक्ति के कम से कम सात हमशक्ल होते...कहते हैं की हर व्यक्ति के कम से कम सात हमशक्ल होते हैं , इसलिए ऐसा हो जाना लाजिमी है .<br />हमारी तस्वीर किस किससे मिलती है , अब अपनी तारीफ़ में खुद क्या कहें , दूसरों से सुनते हैं तो मुस्कुरा कर चुप रह जाते हैं :):)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-88218284524859690052012-10-09T20:07:33.183-07:002012-10-09T20:07:33.183-07:00कई बार ऐसा होता है कि आपका चेहरा किसी से मिलता-जुल...कई बार ऐसा होता है कि आपका चेहरा किसी से मिलता-जुलता होता है, लेकिन उत्तर नकारात्मक होने पर बुरा मानने वाली तो कोई बात नहीं होती। खैर अपने-अपने अनुभव हैं। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-38340011793864348102012-10-09T10:34:46.777-07:002012-10-09T10:34:46.777-07:00एक बहुत बड़े मनोवैज्ञानिक Brian L.Weiss की पुस्तक...एक बहुत बड़े मनोवैज्ञानिक Brian L.Weiss की पुस्तक है Many Lives Many Masters <br /><br />उसमे उन्होंने लिखा है...हर जनम में आत्माओं का समूह एक साथ जनम लेता है. उनका कहना है कि एक ही व्यक्ति..अलग अलग जनम में पिता, भाई, दोस्त..गुरु की भूमिका में होता है..<br /><br />तो हम भी मान लेते हैं...जिसने भी कहा कि चेहरा जाना-पहचान है...वो जरूर पिछले जनम में मेरे मोहल्ले का वासी होगा/होगी. :):):)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-72800687200281002912012-10-09T10:26:51.421-07:002012-10-09T10:26:51.421-07:00बस तुम जैसे दोस्तों की दुआ साथ है...इस्मत...:):)बस तुम जैसे दोस्तों की दुआ साथ है...इस्मत...:):)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-90030239396521513532012-10-09T10:25:08.530-07:002012-10-09T10:25:08.530-07:00so sweet of U Gaurav...:)so sweet of U Gaurav...:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-34248548946253797552012-10-09T10:23:43.379-07:002012-10-09T10:23:43.379-07:00@कुछ चेहरे ऐसे भी होते है जिन्हें देखकर ऐसा लगता ह...@कुछ चेहरे ऐसे भी होते है जिन्हें देखकर ऐसा लगता है इन्हें कभी गुस्सा ही नहीं आता होगा।आपका फोटो देखकर भी ऐसा ही लगता है<br /><br />राजन, <br />ये पंक्तियाँ अपने ब्लॉग के ऊपर टांक दूँ..:):)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-19150565373245604692012-10-09T08:38:24.838-07:002012-10-09T08:38:24.838-07:00कई चेहरे ऐसे ही होते हैं।मुझे भी कई बार ऐसा लगता ह...कई चेहरे ऐसे ही होते हैं।मुझे भी कई बार ऐसा लगता है कि इस व्यक्ति को कहीं देखा है पर मैं किसीसे पूछ नहीं पाता कि कहीं ये मेरा भ्रम तो नहीं।<br />कुछ चेहरे ऐसे भी होते है जिन्हें देखकर ऐसा लगता है इन्हें कभी गुस्सा ही नहीं आता होगा।आपका फोटो देखकर भी ऐसा ही लगता है।मुझे लगता है तभी लोग आपसे बेझिझक कह भी देते होंगे कि आपको कही देखा है...राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-52426318036036452422012-10-09T08:04:01.857-07:002012-10-09T08:04:01.857-07:00अब क्या कहूँ अंशुमाला...बस ढेर सारा स्नेह...प्यार ...अब क्या कहूँ अंशुमाला...बस ढेर सारा स्नेह...प्यार और आशीर्वाद...{अब छोटी हो..दोस्त हो.. पर कभी कभार blessings भी चलेगी :):) }<br /><br />और शायद टेलीपैथी ने ही यह पोस्ट लिखवा ली वरना कभी सोचा नहीं था,ऐसी कोई पोस्ट लिखने की .<br />मेरी टेलीपैथी भी बड़ी strong है...शायद कभी उस पर भी कुछ लिख मारूँ...<br />और बेकार संकोच कर गयी, बता दिया होता तो पोस्ट की शुरुआत तुम्हारी बात से ही करती..:)<br /><br />सरिता को स्नेह..और एक मजेदार बात...मेरी एक कहानी की नायिका का नाम 'सरिता' है और वो कहानी भी कुछ सच्ची सी है....फ़िक्र ना करो...सरिता एक पॉजीटिव कैरेक्टर ही है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-18556173419031110592012-10-09T07:53:41.635-07:002012-10-09T07:53:41.635-07:00बुद्धिमान बहन का बुद्धिमान भाई :):)बुद्धिमान बहन का बुद्धिमान भाई :):)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-70511220161055006692012-10-08T23:29:19.625-07:002012-10-08T23:29:19.625-07:00लो जी ये तो सोच मिलने ही हद है , आप यहाँ शकल मिलने...लो जी ये तो सोच मिलने ही हद है , आप यहाँ शकल मिलने की बात कर रही है , मै कई बार आप की फोटो देख चूँकि हूं और आप मुझे पहली ही बार में मेरी ननद जैसी दिखती थी मैंने सोचा की कह दू पर लगा की पता नहीं आप क्या सोचेंगी , थोडा फर्क था बस आयु के अंतर के कारण वो आप से थोडा कम आयु की है , लेकिन अभी कुछ दिन पहले आप की एक फोटो एक ब्लॉग पर देखी जो पुरानी थी आप अपने छोटे बच्चो के साथ खड़ी थी उसमे तो आप इतनी ज्यादा मिलती जुलती थी की फोटो मैंने पतिदेव को दिखाई उन्होंने तुरंत कहा की अरे सरिता ( बेशर्म पतिदेव अपने दीदी को दीदी नहीं कहते ) की फोटो ब्लॉग पर किसने लगाई ये बच्चे कौन है तब मैंने बताया की ये उनकी बहन नहीं आप है , एक बार सोचा की उस पर लिख दू टिप्पणी के रूप में फिर लगा की ये ब्लॉग तो किसी और का है कभी आप के ब्लॉग पर जरुर इस बात का जिक्र करुँगी और लो जी आप ने तो आज ये पूरी पोस्ट ही लगा दी उसी विषय पर :)) |<br />@जाना पहचान चेहरा है. उस चेहरे से अपनापन झलकता है<br />बिल्कुल सहमत ना केवल आप का चेहरा बल्कि आप की बाते भी अपनेपन की झलक लिए होती है , और हा मुझे झूठी तारीफ करनी नहीं आती है :)<br />anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54880015569874503342012-10-08T21:09:29.965-07:002012-10-08T21:09:29.965-07:00ये पोस्ट पढ़ते हुए जेहन में जनाब मुरारीलाल ही आ रह...ये पोस्ट पढ़ते हुए जेहन में जनाब मुरारीलाल ही आ रहे थे और टिप्पणियों में भी देखा लोगों ने मुरारीलाल का जिक्र किया है :)<br /><br /> सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-15747578144868841422012-10-08T10:44:57.845-07:002012-10-08T10:44:57.845-07:00बस आ जाते हैं.. अब हम हैं ही इतने बुद्धिमान क्या क...बस आ जाते हैं.. अब हम हैं ही इतने बुद्धिमान क्या कीजियेगा!! :DPDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-27056340854807505382012-10-08T09:37:15.948-07:002012-10-08T09:37:15.948-07:00PD,
इतने ओरिजिनल आइडियाज़ तुम्हे आते कहाँ से हैं? ...PD,<br />इतने ओरिजिनल आइडियाज़ तुम्हे आते कहाँ से हैं? ऐसा जो भी आइडिया आए..तुरंत पेटेंट करवा लो...और मेरा कमीशन अलग कर देना...सलाह तो हमने ही दी है ,ना rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-70068652827019697802012-10-08T09:35:58.512-07:002012-10-08T09:35:58.512-07:00अभी,
तुमने अभी ध्यान दिलाया तो ध्यान आया...जब तक ...अभी,<br /> तुमने अभी ध्यान दिलाया तो ध्यान आया...जब तक लड़की थी...मुझसे भी किसी ने नहीं पूछा....:):)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-19781755520269378502012-10-08T09:30:40.821-07:002012-10-08T09:30:40.821-07:00दीदी मुझे तो कभी कोई लड़की अगर दिखती है जानी पहचान...दीदी मुझे तो कभी कोई लड़की अगर दिखती है जानी पहचानी शक्ल की तो मैं तो पूछता भी नहीं हूँ की "लगता है आपको पहले भी कहीं देखा है"...जाने क्या समझे... :P <br />abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-4424614971705789812012-10-08T09:28:07.001-07:002012-10-08T09:28:07.001-07:00सामने के दो-चार दांत तुड़वा लीजिये, शकल अलग हो जाय...सामने के दो-चार दांत तुड़वा लीजिये, शकल अलग हो जायेगी.. :P<br />अब मारिएगा मत दीदी.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com