tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post2307315025640117410..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: ये दुनिया हैरान-परेशान करती रहेगी rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-41989480314246567002013-11-21T06:51:01.933-08:002013-11-21T06:51:01.933-08:00विश्वास नहीं होता कि इंसान अपने आपको इतना चाह सकता...विश्वास नहीं होता कि इंसान अपने आपको इतना चाह सकता है कि बाकी सारे रिश्ते ...उनकी खुशियां इनके लिए गौण हो जाएं ....!!!!!तरस आता है ऐसे लोगों पर ...यह सिर्फ दया के पात्र हैं Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-19014331492317178902013-11-20T07:28:01.730-08:002013-11-20T07:28:01.730-08:00स्थितियाँ विकट हैं...परन्तु पढ़ी-लिखी माँओं के बढ़ने...स्थितियाँ विकट हैं...परन्तु पढ़ी-लिखी माँओं के बढ़ने से बेटियों के प्रति समाज लचीला भी हुआ है...शिक्षा ही अधिकांश कुरीतियों का इलाज़ है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-72963173464908649282013-11-19T22:14:04.679-08:002013-11-19T22:14:04.679-08:00Har insaan anokha hai aur usaki fitarat juda..
Ek...Har insaan anokha hai aur usaki fitarat juda.. <br />Ek azad khyal parivar ka itna sakht ravaiya apni beti ki ore, ye ishara karta hai ki is kahani/waqaye me kuchh GREY SHADES hain.. Kuchh baatein jo roshan nahin hain.. <br />Lihaja baap ke bare me JUDGEMENTAL nahin huaa ja sakta.. Kyonki poori kahani me baap ke dimagi halaat ka koi zikr nahin hai.. Kai deep rooted wazahe ho sakti hain.<br />Jo bhi ho ye to sach hai ki LIFE IS ALWAYS FULL OF SURPRISES!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-22942894687414092002013-11-19T19:14:23.565-08:002013-11-19T19:14:23.565-08:00कई बार घटनाओं और उनके कारण इतने प्रत्यक्ष नहीं होत...कई बार घटनाओं और उनके कारण इतने प्रत्यक्ष नहीं होते ,माता पिता की नाराजगी के विभिन्न कारण हो सकते हैं , मगर फिर भी अपनी बच्ची को यूँ बेसहारा छोड़ देना गलत ही है , निंदनीय है !<br />उम्र आजकल कोई मायने नहीं रखती जबसे अपनी बढ़ रही है :)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-62237182995633475922013-11-18T02:30:22.653-08:002013-11-18T02:30:22.653-08:00इस किस्से पर नहीं एक जनरल बात करती हूँ , कई बार ना...इस किस्से पर नहीं एक जनरल बात करती हूँ , कई बार नाराजगी का कारण लड़की की पसंद अहम आदि का नहीं होता है , कई बार लड़का योग्य नहीं होता है , कभी आर्थिक रूप से तो कभी शारीरिक रूप से तो कभी व्यक्तितव से अयोग्य होता है , तो कई बार अपने साथ हुई धोखे की नाराजगी , दी गई आजादी का गलत प्रयोग , पढाई कैरियर के नाम पर घर से बाहर जा कर ये सब करना , और घरवालो से हजारो झूठ आदि भी होती है , कई बार माता पिता ठगे महसूस करते है , बाकि समाज का दबाव , आदि आदि तो होता ही है । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-21456054245120754632013-11-18T00:16:35.670-08:002013-11-18T00:16:35.670-08:00समाज में हर तरह के लोग होते हैं ... शायद धर्म से इ...समाज में हर तरह के लोग होते हैं ... शायद धर्म से इसका मतलब नहीं होता ... सोच से होता है ... <br />समय के साथ बदलाव आएगा इस सोच में भी ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-76952566630309838672013-11-17T18:57:19.823-08:002013-11-17T18:57:19.823-08:00हैरान कर देने वाला प्रकरण.
क्या हम सभी,इन विक्षिप्...हैरान कर देने वाला प्रकरण.<br />क्या हम सभी,इन विक्षिप्त मानसिकता के शिकार नहीं है?मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-26328051985486414002013-11-17T17:24:33.517-08:002013-11-17T17:24:33.517-08:00वाकई में ये दुनिया विरोधाभासों की ही है ,सुन्दर वाकई में ये दुनिया विरोधाभासों की ही है ,सुन्दर Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-6651120956705196682013-11-17T09:06:23.068-08:002013-11-17T09:06:23.068-08:00हर प्रकार की मानसिकताएं यहाँ जीवित हैं , वर्ग कोई ...हर प्रकार की मानसिकताएं यहाँ जीवित हैं , वर्ग कोई भी हो !!<br />Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-6011677059131843922013-11-17T08:52:20.189-08:002013-11-17T08:52:20.189-08:00 आज के युग में ऐसी घटनाएं व्यथित करती हैं परन्तु स... आज के युग में ऐसी घटनाएं व्यथित करती हैं परन्तु सबसे बड़ा दुःख तो तब होता है जब इसका कोई तार्किक कारण बहुत खोजने पर भी नहीं मिलता .....निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-48969031854526862602013-11-17T05:08:15.479-08:002013-11-17T05:08:15.479-08:00कुछ मामलों में बेटी अपनी पसंद बता भी देती है और घर...कुछ मामलों में बेटी अपनी पसंद बता भी देती है और घरवाले उसे पसंद भी कर लेते हैं।कुछ मामले में शुरुआती नोंक झोंक होती है लेकिन बाद में मामला सेट हो जाता है।हाँ दिक्कत तब होती है जब बात बहुत बढ़ चुकी हो यहाँ तक कि लड़की की शादी की बात चल रही हो तभी अचानक से झटका देते हुए अपना फैसला सुनाया जाए इससे फिर बात पिता के अहम पर आ जाती है।लडकी ही नहीं ये काम लड़के के मामले में भी होता है ये अलग बात है कि लडकों की सामाजिक स्थिति अच्छी होने के कारण उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।जबकि लडकी के पास पिता को मनाने का मौका ही नहीं होता क्योंकि शादी के बाद लड़की वैसे भी पिता के घर नहीं रह सकती।हमारी जाति में भी लड़की का अपने पसंद के लड़के से शादी करना अब आम होने लगा है माता पिता उसकी बात मान लेते हैं पर हाँ जाति के बाहर शादी करने पर मुश्किलें आती हैं।काश की जाति धर्म जैसी समस्याएँ ही नहीं होती ।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-35888181461583757052013-11-17T04:45:18.598-08:002013-11-17T04:45:18.598-08:00जैसे माँ बाप का ज़िक्र तुमने किया है वो कोई rare बा...जैसे माँ बाप का ज़िक्र तुमने किया है वो कोई rare बात नहीं है मगर बड़े विरोधाभास हैं......एक तरफ खुद उन्होंने इतने एडवांस स्टेप्स ले रखे हैं जीवन में...दामाद और उसका घर परिवार भला है...फिर कोई तो वजह हो मना करने की.......ये सच्चा वाकया न होकर एक कहानी होती तो हम खूब आलोचना करते :-) मगर अब सच्चाई है तो क्या कहें.....world is full of fools !!!!<br /><br />हाँ तुम एक बेहतरीन story teller हो इसमें दो राय नहीं !!!<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-84582433372697022182013-11-17T04:17:49.749-08:002013-11-17T04:17:49.749-08:00सच में बहुत सी बातें विरोधाभास लिए हैं ...... यही ...सच में बहुत सी बातें विरोधाभास लिए हैं ...... यही तो विडंबना है हमारे समाज की डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-87832076417465617742013-11-17T02:46:26.486-08:002013-11-17T02:46:26.486-08:00रश्मि दुनिया मे सब तरह के लोग हैं और सब तरह की सोच...रश्मि दुनिया मे सब तरह के लोग हैं और सब तरह की सोच भी …………अगर बदलाव का असर होता तो नारी की आज भी दुर्दशा ना होती ………बेशक कुछ अंश तक ही बदलाव आया है तो इसे आटे मे नमक जितना ही कह सक्ते हैं हम भी देखते हैं ऐसे ऐसे दकियानूसी पढे लिखे लोग कि क्या बतायें बल्कि एक अनपढ या गरीब को कभी इतना रिज़िड नही देखा जितने पढे लिखे हो रहे हैं आजकल …………जाने कैसी शिक्षा पा रहे हैं कैसी सोच विकसित हो रही हैvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com