tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post495919904974113102..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: पेंटिंग की बदौलत मिले कुछ यादगार पल..rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68403690312860648422010-11-15T05:43:20.453-08:002010-11-15T05:43:20.453-08:00यह पेंटिंग की रंग-मयता बनी रहनी चाहिए ! आपके लेखन ...यह पेंटिंग की रंग-मयता बनी रहनी चाहिए ! आपके लेखन में तो रंग बिखरे ही हैं !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-39879783812404765972010-11-02T01:50:35.877-07:002010-11-02T01:50:35.877-07:00lekhan shailee aisee thee kee aankho dekha sa lag...lekhan shailee aisee thee kee aankho dekha sa lag raha hai .sabhee jo ghata jeevant ho gaya hai........<br />kya pahine ye samsya to har naree ko bhoganee hee padtee hai...........<br />mazedar sansmran...........Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-64288332153382162582010-11-01T05:46:15.404-07:002010-11-01T05:46:15.404-07:00are is mast aalekh ko maine padha tha, likha bhi t...are is mast aalekh ko maine padha tha, likha bhi tha ... jane kaha wo comments gaya jiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-26742077690443400402010-11-01T02:21:48.415-07:002010-11-01T02:21:48.415-07:00बहुत रोचक संस्मरण है और बहुत ही हल्के फुल्के मूड म...बहुत रोचक संस्मरण है और बहुत ही हल्के फुल्के मूड में।अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54522990130039299632010-10-30T19:29:22.059-07:002010-10-30T19:29:22.059-07:00रोचक अंदाज में बेफिक्री और ईमानदारी से लिखा है तुम...रोचक अंदाज में बेफिक्री और ईमानदारी से लिखा है तुमने ...<br />संगीता जी ने सही कहा , " हम पूछते इसलिए ही हैं कि कोई तारीफ़ कर दे " :):)<br />जरा जल्दी में छोटा कमेन्ट लिखा है ...बुरा मत मान जाना ...:)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-18082733552117418562010-10-30T13:11:38.244-07:002010-10-30T13:11:38.244-07:00नमस्ते दीदी।
मजेदार पोस्ट रही। दीपिका की फैन हो आप...नमस्ते दीदी।<br />मजेदार पोस्ट रही। दीपिका की फैन हो आप? या यूं ही किसी एक्सट्रैस को सिंबोलिक प्रस्तुत किया। बाकि जज बनना आसान नहीं है। आपको दस में से नौ नंबर मिलेंगे। मैंने एक नंबर चेयर मिस्टेक का काट लिया है। प्लीज डोंट एंग्री।रवि धवनhttps://www.blogger.com/profile/04969011339464008866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-34092227636020501492010-10-30T12:45:44.013-07:002010-10-30T12:45:44.013-07:00enjoyed your post.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSP...enjoyed your post.<br />thanks.<br />WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-58094416358374940212010-10-30T11:25:49.855-07:002010-10-30T11:25:49.855-07:00बढिया संस्मरण. मुझे अपने "जजीय-संस्मरण" ...बढिया संस्मरण. मुझे अपने "जजीय-संस्मरण" याद <br />आ गये :). तुम गिरीं, तब किस-किस ने देखा? hehehehe.... मज़ा आया पढ के.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-5730303270135562812010-10-30T10:49:10.029-07:002010-10-30T10:49:10.029-07:00इस मामले में तो हम बचे हैं अभी तक.. बिहारियों को व...इस मामले में तो हम बचे हैं अभी तक.. बिहारियों को वैसे भी कोई जज बनाने के लायक समझता नहीं.. लेकिन आपने जो वृत्तांत लिखा है अगर इतनी परेशानी होती है एक जज बनने में तो.. तोबा कर ली इस जजगीरी से... <br />मगर आपने जो स्वगत सम्वाद बताए वो ज़्यादा मज़ा देते हैं... वहाँ लगा हुआ वाईडस्क्रीन आपकी उबासियाँ, कुर्सी से लुढकना वगैरह तो दिखा सकता है मगर आप्के ख़ुद से बोले गए वो सम्वाद, हमारे लिए एक्स्क्ल्यूसिव हो गए! रश्मि जी, मज़ा आया पढकर!! ख़ुद को वहाँ हों जैसा लगा!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-17155977386085913412010-10-30T09:20:05.098-07:002010-10-30T09:20:05.098-07:00ह्म्म्म...तो स्टाइल से खाने में आप भी माहिर हैं और...ह्म्म्म...तो स्टाइल से खाने में आप भी माहिर हैं और वो भी मिस इंडिया स्टाइल..और लिपस्टिक की भी फ़िक्र रहती है......वाट ए को-इनसीडेंस ..हा हा :)<br /><br />क्या मस्त संस्मरण लिखा है आपने...मजा आ गया..कल से वक्त सही से नहीं मिल रहा था पोस्ट पढ़ने को...अभी पढ़ा :) <br /><br />और अगली बार से ध्यान से बैठा कीजिये कुर्सी पे...हद है :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-16575299788603750772010-10-30T06:49:01.550-07:002010-10-30T06:49:01.550-07:00वाह दी, बड़ा मज़ा आया. आप संस्मरण तो गजब लिखती ही ...वाह दी, बड़ा मज़ा आया. आप संस्मरण तो गजब लिखती ही हैं. इस बार छोटी-छोटी लाइनों में हास्य का पुट गजब था--<br /><br />पर एक बार भाषण मोड में चले जाओ..तो निकलना कितना मुश्किल है?..सब वाकिफ होंगे<br />-दरअसल ऐसे सवाल का हमेशा, यही जबाब होता है<br />-...लिपस्टिक खराब ना हो जाए इस डर से<br />-...पता था 'थ्री मेन इन माइ हाउस...खुद से कोई उपक्रम नहीं करेंगे" <br />-थोड़ी देर स्क्रीन घूरती रही, "वी विल मैनेज' यानि कि अब बच्चे बड़े हो गए हैं...और अब मुझे 'यू एन्जॉय' भी कह सकते हैं.<br /><br />और आपकी सोसायटी और उसके आसपास तो आपकी खूब धाक जम गयी होगी... नहीं? <br />-मैने यूँ ही नज़र घुमाई और देखा, मेरी पास वाली बिल्डिंग में रहने वाली मारिया का मुहँ आश्चर्य से खुला हुआ है...<br />आज बड़े दिनों बाद ब्लॉग पढ़ने बैठी हूँ... जा रही हूँ आपकी कहानी पढ़ने.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-5477716235871190772010-10-30T03:00:07.077-07:002010-10-30T03:00:07.077-07:00रश्मि जी, इसी बहाने आपके व्यक्तित्व के कुछ अनछुए...रश्मि जी, इसी बहाने आपके व्यक्तित्व के कुछ अनछुए पहले भी जानने को मिले। बधाई।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-14235312695394941132010-10-30T01:28:24.919-07:002010-10-30T01:28:24.919-07:00जबरदस्त जज ! जज कभी बोर भी होते हैं..
खैर चलो आज ...जबरदस्त जज ! जज कभी बोर भी होते हैं..<br /><br />खैर चलो आज तो हमें पता चल ही गया चाय न पीने का राज...विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68908009991166588682010-10-29T23:30:08.762-07:002010-10-29T23:30:08.762-07:00बहुत अच्छा संस्मरण है... आपके ब्लॉग पर आना अच्छा ल...बहुत अच्छा संस्मरण है... आपके ब्लॉग पर आना अच्छा लगता है...शुभकामनाएं...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-65653380524166293912010-10-29T23:19:24.372-07:002010-10-29T23:19:24.372-07:00अति उत्तम
सच
ताज़ा-पोस्ट ब्लाग4वार्ता
एक नज़र इधर...अति उत्तम <br />सच <br />ताज़ा-पोस्ट <a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/10/blog-post_30.html/" rel="nofollow">ब्लाग4वार्ता </a><br />एक नज़र इधर भी <a href="http://sanskaardhani.blogspot.com/" rel="nofollow">मिसफ़िट:सीधी बात </a>बाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-60753036357485316542010-10-29T23:06:08.711-07:002010-10-29T23:06:08.711-07:00बहुत अच्छा लगा यह संस्मरण पढना .. आपका लिखने का ...बहुत अच्छा लगा यह संस्मरण पढना .. आपका लिखने का स्टाइल निराला है .. दिल को छू गयी एक एक पंक्तियां !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-84598566135311191922010-10-29T21:48:33.450-07:002010-10-29T21:48:33.450-07:00मुख्य अतिथि के स्थान पर बैठकर घटनाओं को देखना एक न...मुख्य अतिथि के स्थान पर बैठकर घटनाओं को देखना एक नया रंग लेकर आता है। वह सतरंगी इन्द्रधनुष देखने को मिला आपके संस्मरण में। आनन्द आ गया हर पंक्ति के साथ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-67006743566053766582010-10-29T21:21:52.274-07:002010-10-29T21:21:52.274-07:00रश्मि जी ,
पोस्ट पढते वक्त चेहरे पर तनाव शेष ना रह...रश्मि जी ,<br />पोस्ट पढते वक्त चेहरे पर तनाव शेष ना रहे तो इसका क्रेडिट ब्लागर को मिलना ही चाहिए :) <br />संस्मरण को लाइव कमेंट्री की शक्ल में पेश कर पाना भी आपकी एक उपलब्धि मान रहा हूं :)<br /><br />मामला पेंटिंग का हो या ड्रेसिंग का , सौंदर्यबोध ज़रुरी है उन्होंने आपको चुना सही किया ! शुक्र है ,परिचय लिखाने के लिए आपके पास कई विकल्प थे :)<br />कौन सी पोशाक पहनी जाये वाला दर्द ज्यादातर पति भी समझते हैं सो मैं भी :)<br />बेचारी मारिया ...पड़ोसी हमेशा चिराग तले अन्धेरा ही ढूंढते हैं :)<br />आगे के प्रोग्राम्स खुद मैंने भी कई बार भुगते हैं सो आपकी पीड़ा समझ सकता हूं बस कुर्सी से गिरने और कैमरे के द्वारा देख लेने का संकट कभी नहीं आया :(<br /><br />पोस्ट की सबसे खास बात ये लगी कि आप अपने 'आस पास' की घटनाओं के प्रति सजग हैं और अपने आब्जर्वेशन्स को इंज्वाय भी कर पा रही हैं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-13178676865161864332010-10-29T20:05:06.276-07:002010-10-29T20:05:06.276-07:00@ समीर जी,
आपको तो बड़ा मजा आ गया ,ना..सोच रहें हो...@ समीर जी,<br />आपको तो बड़ा मजा आ गया ,ना..सोच रहें होंगे, मैं क्यूँ नहीं था वहाँ...<br /><br />और पतियों की पोशाक चयन में मदद से ज्यादा मुसीबत तो ये है कि बाद में मन मार कर कहना पड़ता है, "बड़ी अच्छी लग रही हो.." जबकि मन में पता नहीं क्या..क्या..क्या....infinite... बोलते होंrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-78082053976435689132010-10-29T17:32:18.675-07:002010-10-29T17:32:18.675-07:00हा हा! मस्त संस्मरण रहा...जरुर देखा होगा कुर्सी से...हा हा! मस्त संस्मरण रहा...जरुर देखा होगा कुर्सी से गिरते भी..ऐसे समय में कैमरा जरुर आ गया होगा. :)<br /><br />परेशानी थी पोशाक कौन सी पहनी जाए? ये हम महिलाओं के साथ बड़ी मुसीबत है.(सारी महिलाएं,मेरा दर्द समझती होंगी) <br /><br />(महिला से ज्यादा दुनिया भर के पति इसे समझते हैं)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54330275149692582342010-10-29T11:45:04.850-07:002010-10-29T11:45:04.850-07:00rochak aur sadgi se paripurn is arth me ki apne ma...rochak aur sadgi se paripurn is arth me ki apne mann ki baat bhi aapne likha....<br /><br />bahut badhiya...Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-58123513216714373232010-10-29T11:20:41.839-07:002010-10-29T11:20:41.839-07:00@शिखा,
मुझे लग रहा था कोई ना कोई ये बात जरूर कहेगा...@शिखा,<br />मुझे लग रहा था कोई ना कोई ये बात जरूर कहेगा...(.अब हमलोग कितनी महिलाओं वाली बातें करें ..सब हसेंगे, पर कहना भी जरूरी है ) मिलती तो उस वक्त भी थीं..बस दो साल पहले की घटना है....पर मुझे उनके शेड्स नहीं पसंद आते, आज भी :)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-31789425028148775122010-10-29T11:11:24.906-07:002010-10-29T11:11:24.906-07:00छोटी छोटी चुटकियों ने गज़ब की जीवन्तता ला दी है.वै...छोटी छोटी चुटकियों ने गज़ब की जीवन्तता ला दी है.वैसे उस समय जो चाय न पीने की वजह बनी शायद आज न बनती आजकल स्पेशल लिपस्टिक जो आती है जो चाय पीने से छूटती नहीं.:) अगली बार जज बने तो वही लगा कर जाइयेगा...<br />बेहद रोचक संस्मरण...आपको ऐसे मौके मिलते रहें..shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-70370315983375174282010-10-29T11:03:53.576-07:002010-10-29T11:03:53.576-07:00अनुभव प्रस्तुतीकरण रोचक और कलात्मक लगा.. :) इसीलिए...अनुभव प्रस्तुतीकरण रोचक और कलात्मक लगा.. :) इसीलिए आपको जज चुना.. स्कूल वालों का सही निर्णय..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-33392437162760573782010-10-29T11:01:10.608-07:002010-10-29T11:01:10.608-07:00यह संस्मरण मन को स्फूर्तिमय बना गया। इसमें प्रत्...यह संस्मरण मन को स्फूर्तिमय बना गया। इसमें प्रत्यक्ष अनुभव की बात की गई है, इसलिए सारे शब्द अर्थवान हो उठे हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com