tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post4158932423072772440..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: आई जस्ट फेल इन लव विद......rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-28215894342661128842010-06-16T04:15:53.349-07:002010-06-16T04:15:53.349-07:00पता नहीं कैसे ये पोस्ट छूट गए!!! अब जबकि मुम्बई बा...पता नहीं कैसे ये पोस्ट छूट गए!!! अब जबकि मुम्बई बार्श से सराबोर है, मुझे ये संस्मरण पढने में बड़ा मज़ा आ रहा है. कितने अलग अलग रंग समेटे है तुम्हारी पोस्ट. वैसे बारिश में भीगना और पानी में कागज़ की नाव चलाना मुझे अभी भी अच्छा लगता है. और चाय की दुकान पर चाय पीना वो भी भीगते हुए..... बहुत सुन्दर जीवंत पोस्ट.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-22040332208129526472010-06-12T13:54:58.488-07:002010-06-12T13:54:58.488-07:00बचपन में मेरा एक सहपाठी बड़ी मीठी आवाज़ में गाता थ...बचपन में मेरा एक सहपाठी बड़ी मीठी आवाज़ में गाता था- ''पानी वफादार है तो पानी गद्दार है.. पानी है ज़िंदगी तो पानी तलवार है..'' फिर याद आ गया.. असल में बाद का कुछ पार्ट रह गया था पहले..इसलिए फिर आना पड़ा दी..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-44763527599510823052010-06-12T09:40:17.749-07:002010-06-12T09:40:17.749-07:00हम तो कहीं खो गए थे इस बारिश में..
कसम से.. :)
हमा...हम तो कहीं खो गए थे इस बारिश में..<br />कसम से.. :)<br />हमारे साथ भी एक छोटा सा किस्सा हुआ है बारिश का, पटना की बारिश का, शायद ब्लॉग में पोस्ट करूँ १-२ दिन बाद :)<br />अभी के लिए तो यहाँ से बस एक खुशनुमा एहसास लिए वापस जा रहे हैं... :)<br />कुछ ज्यादा ही अच्छा लग गयी हमें ये बारिश :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-19803501826787652692010-06-12T02:35:36.394-07:002010-06-12T02:35:36.394-07:00ये संस्मरण है या कोई चलचित्र था समझ नही आया जब समझ...ये संस्मरण है या कोई चलचित्र था समझ नही आया जब समझ आया तब तक मै पूरी इस बारिश मे जैसे भीग चुकी थी वाह शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-33676072027377014772010-06-11T21:44:32.111-07:002010-06-11T21:44:32.111-07:00हां, इस जज्बे का बहुत सुना-पढ़ा है। यह शहर किसी त्र...हां, इस जज्बे का बहुत सुना-पढ़ा है। यह शहर किसी त्रासदी से बहुत जल्दी उबरता है। <br />मुझे बम्बई की महानगरीय ट्रेनों में ढोल मजीरे पर कीर्तन करने वाले भी याद आते हैं। उनकी जिन्दगी में सबर्ब से आने जाने में बहुत समय लगता है। और वे अपना मानसिक संतुलन कितनी अच्छी तरह बनाये रखते हैं।<br />बहुत कुछ है जो इस महानगर से सीखा जा सकता है। बस, इस शहर में जाने-रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाया मैं, समय पर! :-(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-29349006119285632882010-06-08T11:11:29.237-07:002010-06-08T11:11:29.237-07:00*पहली बार मुम्बई की बारिश का दीवाना तो उस दिन से ह...*पहली बार मुम्बई की बारिश का दीवाना तो उस दिन से हुआ जिस दिन से राजकपूर और नर्गिस को एक छतरी के नीचू मे " प्यार हुआ इकरार हुआ " गाते देखा ।<br />* फिर दूसरी बार इस बारिश से इश्क़ तब हुआ जब हैंगिंग गार्डन और फीरोज़शाह मेहता गार्डन के बीच वाली जगह पर एक पेड़ के नीचे खड़े रहकर काँच के गिलास में गर्मागरम चाय पी जो ऊपर पत्तों से टपकते पानी में डायल्यूट होती रही और साथ साथ अपुन भी ... <br />* तीसरी बार ... यह भी कोई कहने की बात है .. बेशक आपकी यह पोस्ट पढ़कर ..।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-33976960996530782752010-06-08T10:59:22.068-07:002010-06-08T10:59:22.068-07:00@पंकज ,
कभी ये गाना मेरी कॉलर ट्यून हुआ करता था......@पंकज ,<br />कभी ये गाना मेरी कॉलर ट्यून हुआ करता था....One of my fav.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-21454565173193039212010-06-08T10:46:10.171-07:002010-06-08T10:46:10.171-07:00बारिश और वो भी मुम्बई की बारिश.. ज्यादा न बोलते हु...बारिश और वो भी मुम्बई की बारिश.. ज्यादा न बोलते हुये मै आशा भोसले जी का ये विडियो चेपता हू जो उन्होने कल ही अपनी फ़ेसबुक प्रोफ़ाईल पर डाला है-<br />http://www.facebook.com/video/video.php?v=443834408744&ref=mfPankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-795068990807957322010-06-08T07:00:01.431-07:002010-06-08T07:00:01.431-07:00.
@दीपक...बिलकुल याद था वो गाना ,पर मुझे नहीं पसंद....<br />@दीपक...बिलकुल याद था वो गाना ,पर मुझे नहीं पसंद. स्मिता पाटिल की बस वही एक फिल्म मुझे बिलकुल नहीं अच्छी लगी थी.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-50488144676861186422010-06-08T06:49:33.406-07:002010-06-08T06:49:33.406-07:00@वाह नीरज जी,बड़े खुशनसीब हैं आप.. फिर तो इस बार च...@वाह नीरज जी,बड़े खुशनसीब हैं आप.. फिर तो इस बार चाय आपके घर की पक्की :)....हर बार बारिश में एक बार जाना होता ही है...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-53825009019918205092010-06-08T06:40:22.829-07:002010-06-08T06:40:22.829-07:00मुंबई और उसकी बारिश के बारे में बहुत खूब लिखा है आ...मुंबई और उसकी बारिश के बारे में बहुत खूब लिखा है आपने...मुंबई से भी तेज़ बारिश खोपोली में होती है और खंडाला लोनावला में तो लोग सारा सारा दिन रात भीगते रहते हैं...बारिश में अगर आपने भूशी डैम की सीढियों पर बैठ कर गरमा गरम चाय और पाव नहीं खाया तो समझिये कुछ नहीं किया...हमारे घर से ये स्वर्ग महज़ पन्द्रह मिनट की दूरी पर ही है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-27786411132376286322010-06-08T06:16:17.548-07:002010-06-08T06:16:17.548-07:00मज़ा आया पढ़ कर .. पर आप वो गाना कैसे भूल गयीं???? &...मज़ा आया पढ़ कर .. पर आप वो गाना कैसे भूल गयीं???? ''आज रपट जाएँ तो....'' :)दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-57377290596250139262010-06-08T02:54:05.861-07:002010-06-08T02:54:05.861-07:00wah di, pahli barish me nahai sunadr sawach jawa m...wah di, pahli barish me nahai sunadr sawach jawa mumbai ka kya sundar chitran kiya aapne,padha kar maza aa gya...haali ki 26 july ki trasdi maine bhi jheli thi, khar se goregaon kamar tak pani me chalna pada tha...barish ke is bhayank roop ka wo mera pahla anubhav tha...lekin fir bhi mumbai ki is barish aur nukkad ke cuting se to pyar sa hi ho gya hai...shayad hi koi barish jati ho jab mai aur meri beti bhigte na ho :)Shubham Jainhttps://www.blogger.com/profile/11736748654627444959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-23629112973756335302010-06-08T02:31:24.787-07:002010-06-08T02:31:24.787-07:00रश्मि
आज बारिश मे भीगने का मन्ज़र याद दिला दिया………...रश्मि <br />आज बारिश मे भीगने का मन्ज़र याद दिला दिया………।मेरा तो शुरु से ही प्रिय मौसम रहा है……………अपने पुराने दिन याद आ गये बल्कि अब बारिश क खुद लुत्फ़ नही उठाती मगर जब बच्चे एंजाय करते हैं तो अच्छा लगता है…।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-84430513925448358172010-06-08T00:23:44.968-07:002010-06-08T00:23:44.968-07:00मेरे पास तुम्हारे आलेख बहुत देर से पहुँचते हैं क्य...मेरे पास तुम्हारे आलेख बहुत देर से पहुँचते हैं क्योंकि मुंबई से कानपुर बहुत दूर है. बारिश तो ऐसी चीज हैं किसका मन न करता होगा उसमें भीगने का पर सड़क पर भीगना और भी मजा आता है. वैसे अब बरखा रानी इस दिशा से रूठ ही गयी हैं आती ही नहीं है. तुम्हारा वर्णन पढ़ कर मुमबई कि बारिश का मजा ले लिया. बहुत बढ़िया वर्णनकिया.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-63451434845499268972010-06-07T23:56:18.331-07:002010-06-07T23:56:18.331-07:00@मीनाक्षी जी,
अनीता जी तो खैर बहुत ही प्यारी शख्सि...@मीनाक्षी जी,<br />अनीता जी तो खैर बहुत ही प्यारी शख्सियत हैं....पर मुंबई के बाकी लोगों में भी आडम्बर नहीं है, यह मैने बहुत करीब से महसूस किया है.<br />@ मुक्ति ,<br />सही कहा,ये शहर कभी रुकता नहीं थकता नहीं और सोता भी नहीं..एक चक्कर और लगाओ,यहाँ का..<br />सोच रखा है...एक सिरीज़ लिखूंगी, इस शहर के साथ अपने अनुभवों पर ...देखो,कब मौका मिलता है...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-42677171519872189502010-06-07T23:51:07.806-07:002010-06-07T23:51:07.806-07:00@संजीत,
यानि कि अब तक आपको इंतज़ार ही हैं ,वहाँ अपन...@संजीत,<br />यानि कि अब तक आपको इंतज़ार ही हैं ,वहाँ अपना नाम लिखे जाने का :)<br />अब तक तो बोल्ड अक्षरों में लिखा,' नो वेकेंसी' का बोर्ड टंगा होना चाहिए था....या आपने खबर ही नहीं रखी, किसी ने कहीं तो आपका नाम लिख ही रखा होगा...बस नज़र खुली रखिये :)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-86910999656345891682010-06-07T23:46:26.080-07:002010-06-07T23:46:26.080-07:00@सतीश जी एवं अनीता जी,कैसे भूल सकते हैं वे, वह मंज़...@सतीश जी एवं अनीता जी,कैसे भूल सकते हैं वे, वह मंज़र , जिन्होंने इतने करीब से महसूस किया था वह सब. उस दिन शायद ही मुंबई की कोई आँख रात भर सोई हो...किसी ना किसी का कोई अपना,पडोसी,दोस्त...उस भयावह रात को अपने आशियाने से दूर थे...और उनके लिए होठों पर प्रार्थन थी और हाथ दुआओं में उठे हुए थे.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-14073618769408342602010-06-07T22:59:27.651-07:002010-06-07T22:59:27.651-07:00अच्छा लगा पढ़कर। आदमी या तो तब नहीं बोलता - जब कुछ ...अच्छा लगा पढ़कर। आदमी या तो तब नहीं बोलता - जब कुछ कहने को न बचा हो, या इतना ज़्यादा हो कि कहाँ से शुरू करें - समझ न आ रहा हो।<br />बहरहाल - मैं अब चुप।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-28263170600864687772010-06-07T15:56:53.317-07:002010-06-07T15:56:53.317-07:00बॉम्बे की पहली बारिश का जिक्र काई जगह पढ़ा और देखा ...बॉम्बे की पहली बारिश का जिक्र काई जगह पढ़ा और देखा (फिल्मों में ) भी है ...पहली बारिश में भीगना एक रस्म सा है ...संस्मरण को बहुत ही खूबसूरती से लिखा है ...कभी ख़ुशी कभी ग़म की तर्ज़ पर ...ये अच्छा है कि तुम्हारा घर ऐसी जगह है जहाँ इतनी परेशानी नहीं हुई ...<br /><br />बारिश में भीगना और सड़क किनारे चाय पीना ...क्यों ललचा रही हो ...बस तुरंत भाग कर आने का मन कर रहा है ..ये बात सच है कि मुंबई लड़कियों के लिए आम हिन्दुस्तानी शहरों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है ...मजाक में मूड में कहू तो ये कहा जाता रहा है कि मुंबई की बारिश और छोकरियों का कोई भरोसा नहीं ..<br /> बारिश तो हमारे यहाँ भी हो चुकी है ...पूरे बरसाती मौसम में 3-4 बार भीगने का प्रोग्राम बन ही जाता है ...यहाँ बारिश होती ही इतनी है ...<br />बहुत अच्छा लगा यह संस्मरण ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-90631503330259574382010-06-07T14:47:28.475-07:002010-06-07T14:47:28.475-07:00आपके शहर से तो हमें भी पहली बार मे ही प्यार हो गया...आपके शहर से तो हमें भी पहली बार मे ही प्यार हो गया था..पहली बार बेटे के साथ वहाँ आए थे और पहली बार मिलने वाले लोगो को एक बार भी जी नही चाहा कि अजनबी कहें...बोम्बे हॉस्पिटल कहाँ दक्षिण में और अनितादी दूसरे कोने में... ड्राइव करके आ पहुँची थी मिलने..एक नहीं दो-दो बार...बारिश का खूबसूरत वर्णन पढना अच्छा लगा..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-56098402087449725242010-06-07T13:20:57.058-07:002010-06-07T13:20:57.058-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-27973102422989739512010-06-07T13:20:57.059-07:002010-06-07T13:20:57.059-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-24869662646815450442010-06-07T12:37:03.880-07:002010-06-07T12:37:03.880-07:00chalo accha hua ji jo aapne aakhir me aapne mera n...chalo accha hua ji jo aapne aakhir me aapne mera naam nahi likha , nai to mujhe logo ko javab dete nahi banta ki kya kahu... ;)<br />yhaku thaku....baki sab thik hai...Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-18779321415002234362010-06-07T11:52:28.661-07:002010-06-07T11:52:28.661-07:00HI Rashmi.....us 26 july ki raat meine bhi aankhon...HI Rashmi.....us 26 july ki raat meine bhi aankhon mein kaati thi mere pati poori raat Goregaon ke flyover par attake huey the....fir bhi barkhaa rani badhi suhaani...bahut kutch yaad dilaa diyaAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.com