tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post310719926441903505..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: कुछ 'वैलेंटाइन डे'...ऐसे भी, गुजरते हैंrashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-83013171710673810392010-08-11T09:32:08.514-07:002010-08-11T09:32:08.514-07:00दीदी ये पोस्ट पढ़ कर तो अपनी भी याद आ गयी वैलेंटाइन...दीदी ये पोस्ट पढ़ कर तो अपनी भी याद आ गयी वैलेंटाइन डे की..जब मैंने बहुत महीनो बाद फिर से लिखना शुरू किया था ब्लोग्स तो ये पोस्ट लिखी थी - http://abhi-cselife.blogspot.com/2010/02/blog-post.html ...<br />अब बहुत ही ज्यादा गडबड कर दी पोस्ट लिखने में लेकिन लिखा था...हा हा ...आप पढ़ लें, समझ जायेंगी :P :Pabhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-61849858049029718612010-02-16T07:12:34.740-08:002010-02-16T07:12:34.740-08:00I came after a long time but as always it was wort...I came after a long time but as always it was worth it.Very interesting!Valentine's Day we also don't celebrate but how can one criticise others for doing so.Free country free will!mamtahttps://www.blogger.com/profile/10767198205312070778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-39460326661035771652010-02-14T23:19:51.540-08:002010-02-14T23:19:51.540-08:00अरे बहना, सबकी यही कहानी है, हाँ तुम्हारी जुबानी प...अरे बहना, सबकी यही कहानी है, हाँ तुम्हारी जुबानी पढ़ी तो तबियत खुश हो गयी. होता है होता है, उनका सोचना गलत नहीं है, ये दुनिया भी कुछ अजीब है? जब बाप बेटी के साथ होने पर लोग कमेन्ट कर देते हैं तो फिर तुम तो ................रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-36302761264189841022010-02-14T13:04:03.748-08:002010-02-14T13:04:03.748-08:00चलिए कुछ कहता हूं.....कई टिप्पणियां पढ़ने के बाद.....चलिए कुछ कहता हूं.....कई टिप्पणियां पढ़ने के बाद....<br /><br />भई बड़ी दीदी हों तो मजा तो आता है लड़ने में.आज भी दीदी की झाड़ खाता हूं मुकदर है भई अपना......<br /><br />बाकी बात ये कि एक दिन था जो आपने बाहर बिताया अब उस दिन वेलेंटाइन था तो उसका क्या कसूर.....अब किसी को कत्ल करना तो नहीं सिखाता न वेबेटाइन डे....हद है यार बंसत भी मनाई जाती है .... जो हमने मनाई पूजा-पाठ के साथ....वेलेटाइन अकेले मनाई....पर माता-पिता के साथ था..इससे बेहतर औऱ क्या....जिसे सबसे ज्यादा प्यार करते हों उनके साथ रहना किस्मत है....Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-38785738960443290422010-02-14T12:55:23.387-08:002010-02-14T12:55:23.387-08:00मजेदार पोस्य थी.....क्या कहूं...मजेदार पोस्य थी.....क्या कहूं...Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-18139330215516697492010-02-14T09:22:39.148-08:002010-02-14T09:22:39.148-08:00ये भी कुछ कम प्रेममय नही !!!!!! सुन्दर संस्मरण ,
क...ये भी कुछ कम प्रेममय नही !!!!!! सुन्दर संस्मरण ,<br />कृपया मेरे वहां भी मेरी प्रेम की गठरी देखें ---<br />sushilapuri.blogspot.comसुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-35643166008694044682010-02-14T08:43:28.689-08:002010-02-14T08:43:28.689-08:00क्षमा चाहूँगा रश्मि दीदी जो कुछ भी कहा , आपकी बांत...क्षमा चाहूँगा रश्मि दीदी जो कुछ भी कहा , आपकी बांतो पर अवश्य ही ध्यान दूंगा और कोशिश करुंगा ब्लोगजगत में और कुछ पढ़ने को ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54756988787981034932010-02-14T07:54:16.486-08:002010-02-14T07:54:16.486-08:00संस्मरण मुझे बहुत अच्छा लगा... मैं बहुत कुछ लिखना ...संस्मरण मुझे बहुत अच्छा लगा... मैं बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ इस सन्दर्भ में....पर पता नहीं क्यूँ दिमाग चल नहीं रहा.....? अभी फिर आता हूँ.... कई बार कहने के लिए बहुत कुछ होता है.... पर कह नहीं पाते.... आता हूँ फिर....से.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-69969978248875070172010-02-14T07:38:58.753-08:002010-02-14T07:38:58.753-08:00rashmi ji
bahut hi rochak sansmaran raha aur shay...rashmi ji<br /><br />bahut hi rochak sansmaran raha aur shayad kafi logon ki zindagi se milta julta hoga .....sabko sukun mila hoga aisa sirf unke sath hi nhi hota sabke sath hota hai..........hahahaha.........vyangya ke sath bahut hi sundar dhang se likha hai.........badhayi.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-732545887497210432010-02-14T06:59:03.709-08:002010-02-14T06:59:03.709-08:00मिथिलेश....तुम्हें अरशद की बातों से तकलीफ हुई...मै...मिथिलेश....तुम्हें अरशद की बातों से तकलीफ हुई...मैं उसकी तरफ से सॉरी बोलती हूँ....शायद वो भी तुम्हारी तरह कम उम्र का है...और कुछ ऐसे शब्द बोल गया जो नहीं बोलना चाहिए था...पर मेरी एक इल्तजा है...प्लीज़ इसे तुमलोग वाद विवाद का स्थल मत बनाओ....अरशद तुमसे भी प्रार्थना है...तुम्हे जो कहना है मुझे मेल में कहो....यहाँ कुछ जबाब मत देना प्लीज़..<br /><br />यह कोई सार्थक बहस होती तो मैं कुछ नहीं बोलती,पर यह व्यर्थ का विवाद है..<br /><br />बस एक बात बोलूंगी...मैंने यह पोस्ट वैलेंटाइन डे के पक्ष या विपक्ष में नहीं लिखी है. जो तुम्हे इसे नकारना था या 'चमचों' की तरह हाँ में हाँ मिलाना था.जिन्होंने इसे पसंद किया वे मेरे चमचे नहीं हैं...जाने माने सक्रिय ब्लॉगर्स हैं बहुत कुछ लिख सकती हूँ पर ऐसा लगेगा कि मैं कोई सफाई दे रही हूँ....और मैं तुम्हे बहुत पहले बता चुकी हूँ कि मैं अपने लिखे पर अंत तक कायम रहती हूँ....यह हास्य का पुट लिए एक रोचक संस्मरण है .अगर इसे तुम उस नजरिये से नहीं देख सकते...कोई बात नहीं...बहुत कुछ है ब्लॉगजगत में पढने को...पढो और एन्जॉय करो....शुभकामनाएंrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-73514968454004488402010-02-14T05:43:13.723-08:002010-02-14T05:43:13.723-08:00@अरशद अली जी
बढियां लगा आपकी राय जानकर , बात शिक...@अरशद अली जी <br /><br />बढियां लगा आपकी राय जानकर , बात शिक्षा देंने की यहाँ पर नहीं हो रही , ना ही किसी को देंने की इच्छा ही है । रही बात उम्र की परवाह करना तो एक बार आपको अवश्य ही बताना चाहूंगा कि मुझे नहीं लगात कि एसी बांते करने के लिए किसी उम्र विशेष की होने की आवश्यकता जरुरत है , और अगर आपकी ऐसी सोच है तो इसे बदलंने की कोशिश करें , और उम्र से ज्यादा सोंचे, और कोई भी अचानक से खडा़ नहीं हो जाता सभी पहले कभी ना कभी सिखते है खडा होना , तो इसका मतलब ये तो नहीं होता कि वह अपनी भावनायें दबा ले । और जिस संकिर्ण विचारधार की बात करते आप कह रहें ना उसे मात्र ये कहना कि गलत है तो वह उससे गलत नहीं हो जाता , तर्क दीजिए और साबित करिए कि किसकी विचारधारा कैसी है । आपने मुझे सिरफिरा कहा सूनकर अच्छा लगा कोई तो है जो मुझे पहचान पाया । जहाँ तक दीदी कहने ना कहने की बात है तो वे संबंध इस आभासी दूनियां से बाहर है और रहेगा , दीदी है तो इसका मतलब ये तो नहीं होता कि चमचो की तरह हाँ में हाँ मिला दिया जाये ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-17869762137265852522010-02-14T05:07:08.129-08:002010-02-14T05:07:08.129-08:00Aapke prasank bhi kisi bahut hi rochak upanyaas se...Aapke prasank bhi kisi bahut hi rochak upanyaas se kam nahin hote... ji karta hai bas padhte hee jayen...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-3701100278447879752010-02-14T05:06:26.281-08:002010-02-14T05:06:26.281-08:00वाह क्या बात है, क्या बात है, क्या बात है ! मज़ा आ...वाह क्या बात है, क्या बात है, क्या बात है ! मज़ा आ गया ये पोस्ट पढ़कर. मज़ेदार है. बधाईया.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/10786663769778301581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-5437905291995439252010-02-14T03:49:20.354-08:002010-02-14T03:49:20.354-08:00बहुत अच्छा लगा ये संस्मरण । बहुत बहुत शुभकामनायेंबहुत अच्छा लगा ये संस्मरण । बहुत बहुत शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-41362554576031398072010-02-14T03:36:13.859-08:002010-02-14T03:36:13.859-08:00दीदी
मुझे समझ में नहीं आता क्या लिखूं ....
परन्तु...दीदी <br />मुझे समझ में नहीं आता क्या लिखूं ....<br />परन्तु टिपण्णी करना जरुरी समझा ..<br />आपका पोस्ट यादों का एक मनमोहक पिटारा लगा...<br />टिपण्णी बॉक्स में गया तो तीसरे टिपण्णी के बाद पोस्ट की मिठास कडवाहट में बदल गयी <br /> एक प्रश्न मन में आया की कुछ लोग अपने महानता को दिखलाने के लिए दूसरों को ज़बरजस्ती शिक्षा क्यों देतें है?<br />दुनिया में जीने की सबकी अपनी अपनी एक अदा होती है और कोई इन्सान जो अभी अभी खड़ा होना सिखा है वो आग बबूला होकर अपने उम्र की परवाह किये बिना किसी ऐसे इन्सान को जो अपने में एक अनुभव रखता हो को अपने संक्रिन बिचारों को थोप कर क्या साबित करना चाहता है <br />एक तरफ कोई आपको दीदी कहे और दुसरे तरफ एक वयस्क सिरफिरे की तरह अपनी बात पर अड़ा रहे तो उनसे मेरा एक प्रश्न यही है की अपनी बड़ी बहनों से वे ऐसे हीं बहस लड़तें हें क्या ?<br />और अंत में मै माफ़ी मांगते हुए आपसे ये कहना चाहूँगा की इस तरह की टिप्पणियों पर यथा संभव जवाब देने से बचाना चाहिए .<br /><br />मै छमा चाहूँगा हर उस व्यक्ति से जिन्हें मैंने जाने अनजाने दुःख पहुँचाया हो.Arshad Alihttps://www.blogger.com/profile/00741578153298460528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-22226775792208665552010-02-14T00:03:34.155-08:002010-02-14T00:03:34.155-08:00Bahut sundar prastuti..
Pyar to bus pyar hai.
baak...Bahut sundar prastuti..<br />Pyar to bus pyar hai.<br />baaki sab bekar hai...<br />Bahut badhi.....कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-63600881146441381422010-02-13T22:52:36.293-08:002010-02-13T22:52:36.293-08:00रश्मि जी, रोचक पोस्ट है........... व्यंगात्मक चुटक...रश्मि जी, रोचक पोस्ट है........... व्यंगात्मक चुटकियों के साथ अधुनिक दांपत्य जीवन का अच्छा वर्णन किया है.<br /><br />@मिथिलेश भाई, यार आप बहुत जल्दी जोश में आ जाते हो. यह वैलेंटाईन डे का मैं भी विरोधी हूँ. क्योंकि यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों का एक "माल बेचू " प्रोपगंडा के सिवा कुछ नहीं. <br /><br />क्या भारत में इस तथाकथित "त्यौहार" के आगमन से पहले युवक-युवतियां प्रेम नहीं करते थे??<br /><br />रोटी, कपडा, मकान के बाद जीवन की सबसे अनिवार्य आवश्यकता प्रेम ही है. फिर क्या प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए दिन मुक़र्रर होना चाहिए?<br /><br />बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा प्रायोजित मीडिया दुष्प्रचार क्या इसे सिर्फ युवक - युवतियों के यौनाचार के रूप में पेश नहीं करता?<br /><br />टेलीविजन पर यह भौंडा माल बेचू दुष्प्रचार मासूम बच्चों से उनका बचपन छीनकर उन्हें समय से पहले यौन जिज्ञासाओं और कुचेष्टाओं की ओर नहीं धकेल रहा?<br /><br />यदि इन प्रश्नों का उत्तर "हाँ" है तो यह पर्व नहीं बल्कि सामाजिक विद्रूपता फैलाने का सिर्फ एक कुत्सित प्रयास है जिससे फ़ायदा सिर्फ इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को होने वाला है जबकि इसके दुष्परिणाम पूरे देश और समाज को भुगतने पड़ेंगे.निशाचरhttps://www.blogger.com/profile/17104308070205816400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-34116750586161375962010-02-13T21:48:55.403-08:002010-02-13T21:48:55.403-08:00रश्मि जी वैलेंटाइन डे को मै प्रेम दिवस कहता हू और...रश्मि जी वैलेंटाइन डे को मै प्रेम दिवस कहता हू और प्रेम के दो भारतीय रूप वात्सल्य और दाम्पत्य को आपने इस कुछ 'वैलेंटाइन डे'...ऐसे भी, गुजरते हैं" मे स्पर्श किया है. प्रेम शास्वत है और इसे हमने किसी से उधर नही लिया है आपके लेख मे ये घटनाये अनायास इस दिन पडी इसलिये ये एक पोस्ट का रूपक बनी. बहुत अच्छा लिखा है और मुझे तो पति के साथ डेटिन्ग भी बडा ही रूमानियत भरा लगता है. <br />मेरे बेटे को कभी बाहर खाना हो और हमारा मन नही हो तो वो अपनी दादी को साथ ले जाता है. बेटी आती है तो उसे तो हम ट्रीट देते ही है.<br /><br />मिथिलेश भाई जिस वसन्त उत्सव की याद इस समय कर रहे है और ऐसे जैसे कि किसी को पता ही नही होगा कि वसन्त कब आया तो भाई दुनिया उससे कही बडे है जितना मेरी नाक के सामने से दिखती है. मैने बहुत कोशिश की आपके ब्लोग को टटोलने की लेकिन वसन्त पन्चमी पर मुझे उसमे कोइ शब्द नज़र नही आया. कोई जरूरी भी नही है कि तुमको उस पर लिखना ही है लेकिन इसी बात को हम दूसरो के लिये भी स्वीकार करे. तुम्हे अचआ लिखने की बहुत बहुत शुभकामना.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-90280031886159328312010-02-13T20:07:07.355-08:002010-02-13T20:07:07.355-08:00बहुत अच्छा लगा.. बच्चे कितने प्यारे होते है.. भोले...बहुत अच्छा लगा.. बच्चे कितने प्यारे होते है.. भोले.. मासूम.. उन्होंने बहुत प्यारा कार्ड बनाया होगा..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-56327180753193247142010-02-13T17:25:07.157-08:002010-02-13T17:25:07.157-08:00तुम्हारी ये पोस्ट बहुत काम की है ...:)
बाकि हर व्य...तुम्हारी ये पोस्ट बहुत काम की है ...:)<br />बाकि हर व्यस्त पति वाले परिवार में घर घर कि यही कहानी है ....यथा संभव हमलोग विदेशी पर्व नहीं मनाते हैं ...हाँ बेटियां जरुर विश कर देती हैं इस दिन ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-11175690234316836232010-02-13T16:14:26.644-08:002010-02-13T16:14:26.644-08:00अत्यन्त सरस और रोचक संस्मरण । आभार ।अत्यन्त सरस और रोचक संस्मरण । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-18858846518966322872010-02-13T14:51:37.855-08:002010-02-13T14:51:37.855-08:00अरे इतना प्यारा संस्मरण पढने में देर हो गई :( पर च...अरे इतना प्यारा संस्मरण पढने में देर हो गई :( पर चलो देर आये दुरुस्त आये....बड़े मजेदार और सच्चे प्रसंगों से भरा है ये संस्मरण...कहीं कहीं तो लगा की हम भी आसपास ही हैं ...और आप वाली हालत से गुजर रहे हैं हा हा हाहा...हाँ हमने शायद कभी गाय को रोटी नहीं खिलाई ..तो ये सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ...बहुत ही रोचक तरीके से लिखा संस्मरण...<br />हाँ और कुछ अब हो न हो अगले साल बसंत पंचमी जरुर मनाना और पोस्ट का हम सब इंतज़ार करेंगे .shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-42405018432966318722010-02-13T11:37:55.298-08:002010-02-13T11:37:55.298-08:00अरे भई ये तो बड़ी ज्यादती हुई .....काश कल का दिन ऐ...अरे भई ये तो बड़ी ज्यादती हुई .....काश कल का दिन ऐसा ना बीते....वैसे भी कल रविवार है तो ऑफिस से तो किसी को ले जाने का सवाल नहीं.....हा हा हा ...बहुत बढ़िया संस्मरण...<br /><br /><br />और कल १४ फ़रवरी के लिए शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-78372827028657629502010-02-13T11:21:38.358-08:002010-02-13T11:21:38.358-08:00रश्मि बहना,
शरद कोकास जी के ब्लॉग पर जो किस्सा सुन...रश्मि बहना,<br />शरद कोकास जी के ब्लॉग पर जो किस्सा सुनाया है वहीं यहां रिपीट कर रहा हूं...<br /><br />मक्खन ने भी एक बार वेलेन्टाइन्स डे पर एक विदेशी महिला को गुलाब पेश करने के साथ हिम्मत करते हुए कह ही दिया...आई लव यू...विदेशी महिला दयालु थी...मक्खन का दिल रखने के लिए कह दिया...आई लव यू टू...मक्खन भला कहां पीछे रहने वाला था...तपाक से बोला...टू...आई लव यू थ्री, फोर, फाइव...सिक्स....<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-40328426456550331912010-02-13T10:42:29.109-08:002010-02-13T10:42:29.109-08:00बढिया किस्सा है । हम तो अभी भी श्रीमती जी के साथ क...बढिया किस्सा है । हम तो अभी भी श्रीमती जी के साथ कोने वाली टेबल ही ढूँढते हैं । जो उन्हे नहीं पहचानते अगले दिन हमे छेड़ते हैं । <br />बहरहाल आपको सभी भारतीय अभारतीय पर्वों की शुभकामनायें .. यह प्यार आपको जीवन भर मिलता रहे .. गाय को भी रोटी खिला दें ताकि....।<br /><br />युवा मिथिलेश के लिये एक गीत की पंक्ति.." जब कभी हमने तेरा चान्द सा चेहरा देखा ..ईद हो या के ना हो मेरे लिये ईद हुई " <br />एक किस्सा विद कविता हमारे ब्लॉग पर भी है ( शरद कोकास ) कृपया देखें ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com