tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post3066821695406226297..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: फिर से सही साबित होती हुई कछुए और खरगोश की कहानीrashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-55948837884163752582010-07-06T02:19:26.552-07:002010-07-06T02:19:26.552-07:00Rashmi ji,
badhai..badhiya to nahi kahunga..warna...Rashmi ji,<br /><br />badhai..badhiya to nahi kahunga..warna kahengi apne sath walon ka paksh to yun bhi le raha hai :)<br /><br />Haan,<br /><br />Thoda poha milega mujhe bhi????Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-70273457497346519472010-07-01T02:25:51.209-07:002010-07-01T02:25:51.209-07:00प्रेरक पोस्ट.
अंकुर -अपूर्व दोनों को, और आपको बधाई...प्रेरक पोस्ट.<br />अंकुर -अपूर्व दोनों को, और आपको बधाई..स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/06459978590118769827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68495284914875567042010-06-29T02:48:23.942-07:002010-06-29T02:48:23.942-07:00Rashmi ji,
Worthy mother of worthy sons !
Congra...Rashmi ji,<br /><br />Worthy mother of worthy sons !<br /><br />Congrats !<br /><br />It is true that the coming generation is far more ahead of us and a lot more confident.<br /><br />All we need is to trust them and believe in their capacities.<br /><br />Our children are our charioteers !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-4441633482713005932010-06-29T00:58:47.719-07:002010-06-29T00:58:47.719-07:00रश्मिजी
बहुत ही प्रेरक आलेख |सच बच्चो को आज ये माल...रश्मिजी<br />बहुत ही प्रेरक आलेख |सच बच्चो को आज ये मालूम है की उन्हें कब क्या करना है |ज्यादा रोक टोक से उनको वो आकाश नहीं मिलता जहाँ वे मुक्त होकर उड़ सके |मेरे तो दोनों बेटों ने बिना टूशन के ही पढाई की है अपनी सामर्थ्य के अनुसार और मुकाम पाए है मन मुताबिक |<br />अंकुर और अपूर्व को बधाई और आशीर्वाद |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-13574871885078745812010-06-28T05:31:15.377-07:002010-06-28T05:31:15.377-07:00@हिमांशु जी,
"आपका लेखन आज लेखिका के हाथ से न...@हिमांशु जी,<br />"आपका लेखन आज लेखिका के हाथ से निकलकर माँ के आँचल में जाने की कोशिश में था, मगर लेखिका-पन ने छोड़ा नहीं।"<br /><br />आपकी पारखी नज़र ने बिलकुल सही आकलन किया, अपने बच्चों के बारे में लिखते समय यही आशंका बनी रहती है कि कहीं कुछ अतिशयोक्ति ना हो जाए...या फिर पाठकों को ऐसा ना लगे. ख़ुशी है कि निभा ले गयी...:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-60490630029454272712010-06-28T05:26:11.021-07:002010-06-28T05:26:11.021-07:00@शहरोज़ भाई...ये किसे इर्ष्या हो जाएगी?? :)...बहन ...@शहरोज़ भाई...ये किसे इर्ष्या हो जाएगी?? :)...बहन के लेखन के प्रति आप थोड़े से पक्षपाती तो हैं ही...जो सही है...:)<br />@ शिखा..बड़ी समझदार हो...पूछूँ..सौम्या एवं वेदान्त से कि तुम दिमाग का दही नहीं करती...:):)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-22199533425177036902010-06-28T05:24:25.333-07:002010-06-28T05:24:25.333-07:00@ आप सब लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया...आपलोगों का आ...@ आप सब लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया...आपलोगों का आशीर्वाद हमेशा बच्चों के साथ रहेगा और उनके जीवन के रास्ते सुगम बनाएगा.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-18056550114962697532010-06-28T04:24:09.331-07:002010-06-28T04:24:09.331-07:00वाह अंकुर और अपूर्व को बहुत बहुत बधाई ...हम तो हमे...वाह अंकुर और अपूर्व को बहुत बहुत बधाई ...हम तो हमेशा कहते हैं अरे क्यों बच्चों का भी और अपना भी दिमाग का दही करना ..बहुत समझदार हैं आजकल के बच्चे ....<br />बढ़िया पोस्ट .shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-31342722049060500122010-06-27T07:06:16.383-07:002010-06-27T07:06:16.383-07:00अंकुर - अपूर्व को बधाई और आशीष। सबसे ज़्यादा अच्छी ...अंकुर - अपूर्व को बधाई और आशीष। सबसे ज़्यादा अच्छी बात जो नई पीढ़ी के साथ है - वो यही कि एक तो ये जानते हैं कि उन्हें क्या चाहिए और क्या-कब करना है? और दूसरा ये कि ये भयग्रस्त नहीं - सहज हैं अपने जैसे हैं - वैसे होने में, और इसीलिए पिछली कई पीढ़ियों से ज़्यादा ईमानदार और सच्चे हैं। कम से कम किसी भय या हिप्पोक्रेसी के कारण तो झूठ नहीं बोलते।<br />आपका लेखन आज लेखिका के हाथ से निकलकर माँ के आँचल में जाने की कोशिश में था, मगर लेखिका-पन ने छोड़ा नहीं।<br />वैसे शुद्ध माँ का लेखन पढ़ना भी एक अच्छा अनुभव होता - शायद अविस्मरणीय भी।<br />फिर कभी…Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-28145788286027044222010-06-27T01:05:29.554-07:002010-06-27T01:05:29.554-07:00इस परदेसी मामा की तरफ से बच्चों को ढेरों आशीष!! मु...इस परदेसी मामा की तरफ से बच्चों को ढेरों आशीष!! मुबारक बाद !! और दुआएं !!<br />लेखन के विषय में कुछ नहीं....किसी को खाह्ह्मखाह ....इर्ष्या हो जाती है !!!شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68520405844685516322010-06-26T11:15:31.381-07:002010-06-26T11:15:31.381-07:00बधाई हो........... असल में रश्मि, पढने वाले बच्चे ...बधाई हो........... असल में रश्मि, पढने वाले बच्चे अपना मूल्यांकन बेहतर तरीके से करते हैं, वैसे हर बच्चा अपने बारे में बेहतर जानता है, यही वजह है कि दोनों बेटों ने अपना प्रॉमिस पूरा कर दिखाया. पढाई को लेकर बच्चों के पीछे पड़ने से या दिन भर हाथ में किताब थमाए रहने से कुछ नहीं होगा, जितनी देर पढें मन लगा के पढें, जो अपूर्व, अंकुर और अन्य बच्चों ने कर दिखाया है.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-12057587897750606362010-06-26T03:04:01.328-07:002010-06-26T03:04:01.328-07:00bachchon aur aapko dono ko bahut bahut badhaai.bachchon aur aapko dono ko bahut bahut badhaai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-841782461273833782010-06-25T23:17:55.062-07:002010-06-25T23:17:55.062-07:00बच्चों के अच्छे रिजल्ट के लिए तुमको बधाई और बच्चों...बच्चों के अच्छे रिजल्ट के लिए तुमको बधाई और बच्चों को शुभकामनायें .<br /><br /> इस पीढ़ी को मालूम है,उन्हें कब, कहाँ, कितना समय देना है.और ये किसी बनी बनायी लीक पर नहीं चलते.<br />आज वक्त बदल गया है..ज्यादा टोकने से कुछ हासिल नहीं होता ..<br /><br />दीपक आम्ब्रे , मैत्री शाह ,विद्याश्री के प्रसंग बहुत प्रेरक हैं....उंके लिए भी शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-17117880975194757772010-06-25T22:52:58.991-07:002010-06-25T22:52:58.991-07:00.
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"अब मुझे यही लगता है कि इस पीढ़ी को माल....<br />.<br />.<br /><b>"अब मुझे यही लगता है कि इस पीढ़ी को मालूम है,उन्हें कब, कहाँ, कितना समय देना है.और ये किसी बनी बनायी लीक पर नहीं चलते."</b><br /><br />सही निष्कर्ष है आपका...और यह केवल आज की नहीं सभी पीढ़ियों पर लागू होता है।<br /><br />आपे गुरु चेला !... यानी दुनिया का हर इंसान स्वयं का गुरू भी है और चेला भी... जब गलती करता और उस से सबक लेता है तो 'चेला' होता है...और जब पूर्व में सीखे सबक को याद कर अगली गलती नहीं करता तो उस पल स्वयं का ही 'गुरू' होता है।<br /><br />आभार!<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-45245871516199455232010-06-25T22:51:40.018-07:002010-06-25T22:51:40.018-07:00.
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"अब मुझे यही लगता है कि इस पीढ़ी को माल....<br />.<br />.<br /><b>"अब मुझे यही लगता है कि इस पीढ़ी को मालूम है,उन्हें कब, कहाँ, कितना समय देना है.और ये किसी बनी बनायी लीक पर नहीं चलते."</b><br /><br />सही निष्कर्ष है आपका...और यह केवल आज की नहीं सभी पीढ़ियों पर लागू होता है।<br /><br />आपे गुरु चेला !... यानी दुनिया का हर इंसान स्वयं का गुरू भी है और चेला भी... जब गलती करता और उस से सबक लेता है तो 'चेला' होता है...और जब पूर्व में सीखे सबक को याद कर अगली गलती नहीं करता तो उस पल स्वयं का ही 'गुरू' होता है।<br /><br />आभार!<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-58316357202820875872010-06-25T21:27:24.795-07:002010-06-25T21:27:24.795-07:00अरे! वाह..... यह तो जैसे मेरे ही ऊपर लिखा गया है.....अरे! वाह..... यह तो जैसे मेरे ही ऊपर लिखा गया है..... मैं भी स्कूल में बिलकुल ऐसा ही था.... टीचर मुझसे भी बहुत परेशां रहते थे.... मुझे रिफाइंड गुंडे का तमगा मेरे एक टीचर ने ही दिया था.... आपका यह संस्मरण मुझे फ्लैशबैक में ले गया.... अंकुर और अपूर्व दोनों को ही बधाई... उनसे बोलियेगा की खूब बदमाशी करें.... बदमाश लड़के ही ज़िन्दगी में तरक्की करते हैं.... यह हेन्स प्रूव्ड भी है.... एक एक्जाम्पल आपके सामने है..... ही ही ही ही.... <br /><br />-- <br />www.lekhnee.blogspot.com<br /><br /><br />Regards...<br /><br /><br />Mahfooz..Mahfooz Alihttps://www.blogger.com/profile/03655176540994817573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-15362666844725418312010-06-25T21:13:51.423-07:002010-06-25T21:13:51.423-07:00सारी बाते तो गुनीजनो ने ऊपर कह दी है , मुझे तो के...सारी बाते तो गुनीजनो ने ऊपर कह दी है , मुझे तो केवल बधाई देनी है, तो बधाई स्वीकार करे. और बच्चो को ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद उनके सुनहले भविष्य के लिए.ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-56176273256788718042010-06-25T21:00:09.496-07:002010-06-25T21:00:09.496-07:00सभी बच्चों में प्रतिभा होती है । फर्क बस इ...सभी बच्चों में प्रतिभा होती है । फर्क बस इतना है कि किसी का एक काम में मन लगता है तो किसी का दूसरे काम में । अक्सर अभिभावक ही बच्चों पर जोर डालते रहते हैं , अच्छा परफोर्म करने के लिए , जिसे वो % अंकों से मापते हैं ।लेकिन यह सही नहीं है । बच्चों को एक सीमा तक मार्गदर्शन की ज़रुरत होती है । लेकिन स्वाभाविक विकास के लिए थोड़ी स्वतंत्रता की भी आवश्यकता होती है । तभी सही व्यक्तित्व का विकास हो पाता है ।<br /><br />आपके दोनों बच्चे अच्छे हैं , जिन्होंने समय अनुसार अपना काम किया और अच्छा रिजल्ट पाया ।<br />बधाई स्वीकारें ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-88260110464895882902010-06-25T20:59:33.841-07:002010-06-25T20:59:33.841-07:00शुरुआती रुझानों से ही भविष्य निर्धारण कर निराश नही...शुरुआती रुझानों से ही भविष्य निर्धारण कर निराश नहीं होना चाहिये कई अभिवावकों को । केवल 3 साल में पूरा शैक्षणिक कायाकल्प होते देखा है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-17580040245808202922010-06-25T20:51:56.524-07:002010-06-25T20:51:56.524-07:00bahut zyada bolna sahi nahi hota...waise poore pra...bahut zyada bolna sahi nahi hota...waise poore prasang me mere chehre per muskaan aa gai ise padhker---"मैं थोड़ा और पोहा ले लूँ?"रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-52764193854832606862010-06-25T18:42:31.287-07:002010-06-25T18:42:31.287-07:00वाह बधाई आपके दोनों बेटों के नंबर पे..और आपके इस ब...वाह बधाई आपके दोनों बेटों के नंबर पे..और आपके इस बात से मैं सहमत हूँ की इस पीढ़ी को मालूम है,उन्हें कब, कहाँ, कितना समय देना है.और ये किसी बनी बनायी लीक पर नहीं चलते....मेरी कुछ बहनें हैं जो अभी इंजीनियरिंग की पढाई कर रही हैं....उन्हें देख के भी ऐसा ही कह सकता हूँ मैं की इस नयी पीढ़ी को मालूम है की कब कहाँ कैसे पढ़ना है <br /><br />:)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-76205712593898218252010-06-25T18:19:16.132-07:002010-06-25T18:19:16.132-07:00रश्मि बहना,
आपने पता नहीं फिल्म राकेट सिंह देखी है...रश्मि बहना,<br />आपने पता नहीं फिल्म राकेट सिंह देखी है या नहीं...हर बच्चे को ये फिल्म ज़रूर दिखानी चाहिए...बहुत ही प्रैक्टीकल एप्रोच थी इसमें राकेट सिंह बने रणबीर कपूर की...एक डॉयलॉग भी कमाल का था...सर आपको हर जगह नंबर दिखते हैं और मुझे इनसान...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-3218837724399147742010-06-25T15:42:01.644-07:002010-06-25T15:42:01.644-07:00ये बात सही है कि आजकल बच्चों से बंधी बंधाई लीक पर ...ये बात सही है कि आजकल बच्चों से बंधी बंधाई लीक पर चलने की उम्मीद रखना बेमानी है ...बस उन पर निगाह रखने की जरुरत है ...ज्यादा टोकाटोकी कीनहीं ...<br />बेटी रात भर पढ़ती और सुबह देर तक सोती है ...शुरू शुरू में बहुत अजीब लगता क्यूंकि हमारे घर में देर तक सोना अच्छा नहीं माना जाता ...मगर देखा कि वो दिन में ठीक से पढ़ नहीं पाती ...<br /><br />दीपक अम्ब्रे , हर्षा , मैत्री शह जीवटता और उत्साह के उदहारण है ... ऐसे सभी बच्चों और बड़ो पर हमें गर्व है ...इन्हें बहुत सारी शुभकामनायें ..<br /><br />अंकुर और अपूर्व होनहार माता के सुपुत्र और उसकी तरह ही प्रतिभाशाली हैं ...दोनों को बहुत शुभकामनायें ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-13814473641330060432010-06-25T12:24:14.866-07:002010-06-25T12:24:14.866-07:00@मुक्ति,
मेरे बेटों के स्कूल में भी ऐसे बच्चों को ...@मुक्ति,<br />मेरे बेटों के स्कूल में भी ऐसे बच्चों को एडमिशन के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है.कई ऐसे बच्चे देखे हैं. और यह देख बहुत बहुत अच्छा लगता था की उनके साथ बिलकुल सामान्य व्यवहार होता था. अक्सर उनके व्हील चेयर बच्चे ही पुश करते थे . एक बच्चा मूक-बधिर था पर उसे hearing aid की जरूरत नहीं पड़ती थी क्यूंकि वो अच्छे से lip reading कर लिया करता था. टीचर्स की दोस्तों की सबकी बात समझ जाता था.<br />"पा' फिल्म इस लिहाज़ से बहुत ही ख़ूबसूरत फिल्म थी. अमिताभ बच्चन के उत्कृष्ट अभिनय के साथ साथ स्क्रिप्ट भी शानदार था. सबका उस बच्चे के साथ सामान्य व्यवहार.और खासकर बच्चों का अच्छी दोस्ती कर लेना , बहुत ही दर्शनीय था.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-4315937152247645932010-06-25T12:11:00.200-07:002010-06-25T12:11:00.200-07:00@राज जी,आभा जी, अजित जी, आपलोगों की शुभकामनाओं का ...@राज जी,आभा जी, अजित जी, आपलोगों की शुभकामनाओं का बहुत बहुत शुक्रिया.<br /><br />@संजीत जी, इसमें hurt होने जैसा क्या है?...सचमुच वे बच्चे लाखो गुणा ज्यादा बधाई के पात्र हैं.<br />हर्षा एक सामान्य बच्ची होते हुए भी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की बेटी है,उसे उतने अच्छा स्कूल और कोचिंग की सुविधाएं नहीं मिली होंगी. मैत्री एवं विद्याश्री ने अपनी शारीरिक अक्षमताओं के ऊपर विजय प्राप्त कर अपनी मेहनत और लगन से आकाश छू लेने जैसी सफलताएं प्राप्त की हैं.उनकी प्रशंसा के लिए तो शब्द भी नहीं मिलेंगे.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.com