tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post1033034949434957407..comments2023-10-31T06:34:42.476-07:00Comments on अपनी, उनकी, सबकी बातें: पहचान तो थी....पहचाना नहीं (कहानी )rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-66835758918143427972013-04-23T21:57:11.396-07:002013-04-23T21:57:11.396-07:00waaaaah didi...bahut achhi lagi kahaani....
mujhe ...waaaaah didi...bahut achhi lagi kahaani....<br />mujhe to lag raha hai ki jaise zamaane baad aapki koi kahani padhi hai maine....:) abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-71927270984606470782013-04-14T06:15:33.957-07:002013-04-14T06:15:33.957-07:00हर इंसान को दूसरा ज़्यादा सुखी-सम्पन्न नज़र आता है...हर इंसान को दूसरा ज़्यादा सुखी-सम्पन्न नज़र आता है. उसके दुख, उसकी ज़रूरतें तो साथ रहने पर ही समझ में आती हैं. सुन्दर कहानी. बधाई. वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-73475648135763366292013-04-14T00:35:49.775-07:002013-04-14T00:35:49.775-07:00जो नहीं होता होता उसको पाने कि चाह रहती ही रहती है...जो नहीं होता होता उसको पाने कि चाह रहती ही रहती है.. सुंदर द्रष्टिकोण भावपूर्ण कहानी.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-31677052571749405602013-04-12T18:43:04.638-07:002013-04-12T18:43:04.638-07:00कहते हैं न परायी थाली में खिचड़ी में घी ज्यादा पग...कहते हैं न परायी थाली में खिचड़ी में घी ज्यादा पग दिखता है ...सबके अपने दुःख सुख , अपने अपने आसमान . जिसके पास जो नहीं होता , उसकी क़द्र भी उसे ही अधिक होती है !<br />सहज भाव में रची अच्छी लगी कहानी !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-44658443631327921202013-04-11T08:26:50.187-07:002013-04-11T08:26:50.187-07:00नवसंवत्सर की शुभकामनायें
आपको आपके परिवार को हिन्द...नवसंवत्सर की शुभकामनायें<br />आपको आपके परिवार को हिन्दू नववर्ष<br />की मंगल कामनायें Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-35130999586276935462013-04-10T10:38:20.138-07:002013-04-10T10:38:20.138-07:00ऐसा ही होता दुसरो की थाली का खाना हमे ज्यादा ही दी...ऐसा ही होता दुसरो की थाली का खाना हमे ज्यादा ही दीखता है ,हमारी थाली की अपेक्षा | लेकिन जैसा हम सोचते है वैसा कुछ होता नहीं और हमे अहसास दिल जाता है की जो हमारे पास है वो भी बहुत ज्यादा है और कीमती भी ,जीवन के लिए ।जीवन मूल्यों को साथ लेकर चलती हुई सधी हुई कहानी ।<br />बधाई शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-30032901006497270232013-04-10T08:44:22.991-07:002013-04-10T08:44:22.991-07:00अच्छी लगी कहानी, जीवन में कई रंग होते हैं किसी के ...अच्छी लगी कहानी, जीवन में कई रंग होते हैं किसी के कैनवास पे कोई और तो किसी के कोई और्।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-55817986478767511052013-04-10T06:00:20.716-07:002013-04-10T06:00:20.716-07:00फर्स्ट हाफ में लगा शालिनी वाला रोल हमारा.....फिर ल...फर्स्ट हाफ में लगा शालिनी वाला रोल हमारा.....फिर लगा नहीं नहीं...अंजू वाला हमारा....<br />याने सब अच्छा अच्छा....घर संवरा भी...बच्चों से भरा भी...<br />:-)<br />बहुत प्यारी कहानी है रश्मि...अपने आस पास ही बिखरे हो जैसे सभी पात्र.<br />बधाई!!<br /><br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68616964593407658532013-04-10T04:38:47.816-07:002013-04-10T04:38:47.816-07:00पहले तो सुस्वागतम मीनाक्षी दी.
बड़े दिनों बाद आपका...पहले तो सुस्वागतम मीनाक्षी दी.<br />बड़े दिनों बाद आपका ब्लॉग पर आना सुखद लगा.<br />परदे के पीछे की कहानियों को कौन जान पाता है . rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-88155167302605600222013-04-10T04:37:08.664-07:002013-04-10T04:37:08.664-07:00साधना जी,
हमेशा ही आपकी सार्थक टिपण्णी कहानी पर ब...साधना जी, <br />हमेशा ही आपकी सार्थक टिपण्णी कहानी पर बहुत कुछ कह जाती है. <br />बहुत बहुत शुक्रिया rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-30795209484060729282013-04-10T04:35:14.946-07:002013-04-10T04:35:14.946-07:00बहुत बहुत शुक्रिया सपना कि कहानी अच्छी लगी तुम्हे...बहुत बहुत शुक्रिया सपना कि कहानी अच्छी लगी तुम्हें.<br />सन्देश वगैरह तो तुमलोग ढूंढ कर बता देते हो, हम तो बस लिख जाते हैं, सोच कर कब लिखा कुछ .<br /><br />और जहाँ तक शीर्षक की बात है...क्रेडिट आपको जाता है, मैडम. मैं तो आशंकित थी. स्वीकृति की मुहर तुमने लगाई....सो बधाई तुम रख लो :)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-66808560205655425532013-04-10T04:31:33.828-07:002013-04-10T04:31:33.828-07:00अन्दर का दुःख अक्सर लोग एक खिली मुस्कान से ढँक लेत...अन्दर का दुःख अक्सर लोग एक खिली मुस्कान से ढँक लेते हैं. rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-89176268761742186262013-04-10T04:30:44.291-07:002013-04-10T04:30:44.291-07:00शुक्रिया इस्मत,
पर बच्चों के सुखद और उज्जवल भविष्...शुक्रिया इस्मत, <br />पर बच्चों के सुखद और उज्जवल भविष्य के लिए कई बार मन को समझाना भी पड़ता है. rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-40470974024425340092013-04-10T04:29:54.736-07:002013-04-10T04:29:54.736-07:00जानकार संतोष हुआ कि आपको कहानी के अंत से निराशा नह...जानकार संतोष हुआ कि आपको कहानी के अंत से निराशा नहीं हुई.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-50771537819008501412013-04-10T04:27:49.148-07:002013-04-10T04:27:49.148-07:00सत्य वचन, मुकेश जी सत्य वचन, मुकेश जी rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-16010773988087695092013-04-10T03:52:53.127-07:002013-04-10T03:52:53.127-07:00किसी ने सही कहा है - दूर के ढोल सुहावने लगते हैं ...किसी ने सही कहा है - दूर के ढोल सुहावने लगते हैं । असल में तो सबके जीवन की कई खट्टी मीठी कहानियाँ होती हैं कुछ सामने कुछ पर्दे के पीछे :-) मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-78049142405940519822013-04-10T03:14:58.568-07:002013-04-10T03:14:58.568-07:00मानवीय संवेदनाओं से भरपूर एक बहुत ही खूबसूरत कहानी...मानवीय संवेदनाओं से भरपूर एक बहुत ही खूबसूरत कहानी जैसे हर पात्र , हर घटना , हर अनुभूतिआँखों के सामने चलचित्र सी गुज़र रही है ! शालिनी से ना जाने कितने लोग हैं जिनके अंतर की व्यथा वेदना को समझने के लिये उन्हें भी किसी अंजू की ज़रूरत है ! मन भर आया कहानी पढ़ कर ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-16984512595463357302013-04-10T02:24:35.958-07:002013-04-10T02:24:35.958-07:00कहानी तो बहुत लोग लिखते हैं लेकिन, इस विधा में निप...कहानी तो बहुत लोग लिखते हैं लेकिन, इस विधा में निपुण हो तुम। तुम्हारी कहानियाँ सहज सरल भाषा में होतीं हैं, उनके परिवेश से हम खुद को जोड़ सकते हैं और सबसे बड़ी बात है इनमें कोई न कोई सन्देश होता है ...इसी कहानी में कई अच्छे सन्देश हैं। शालिनी का अपने जीवन की रिक्तता को एक उद्देश्यपूर्ण तरीके से भर लेना, अंजू को आत्मसंतुष्टि की पहचान होना, सुख धन दौलत में तलाशना मूर्खता है, समाज में उन बिसारे हुए बच्चों की तरफ हाथ बढाने की हिचक त्यागना इत्यादि। यह भी कि ज़रूरी नहीं है कि हर पैसे वाला स्वार्थी ही होता है। तुम्हारी कहानियों को कई बार आम धारणाओं को तोड़ते भी देखा है, जो बहुत अच्छी बात है। कुल मिला कर कहानियों के रूप में पाठकों को कुछ धनात्मक सन्देश देने का एक सार्थक प्रयास दीखता है तुम्हारे ब्लॉग में।<br />बहुत अपनी सी लगी कहानी, और शीषक को कमाल लगा, बधाई कबूलो मैडम :) स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-68901677771457386582013-04-10T00:40:22.273-07:002013-04-10T00:40:22.273-07:00किसी के बाहरी जीवन को देख हम कितने अनुमान लगा बैठत...किसी के बाहरी जीवन को देख हम कितने अनुमान लगा बैठते हैं,आंतरिक अव्यवस्थित रूप को नज़रअंदाज कर देते हैं ..... कहानी नहीं .... यह एक खुली किताब सी ज़िन्दगी है रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-54864071622775292432013-04-09T23:12:59.460-07:002013-04-09T23:12:59.460-07:00हमेशा की तरह बहुत अच्छी कहानी है
सच है बच्चे दूर ह...हमेशा की तरह बहुत अच्छी कहानी है<br />सच है बच्चे दूर हो जाएन तो कुच भी अच्छा नहीं लगता है मन लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है !इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-11396039178303083602013-04-09T22:44:50.235-07:002013-04-09T22:44:50.235-07:00अब लिखे भी तो क्या इस कहानी के बारे में ..शुरुवात ...अब लिखे भी तो क्या इस कहानी के बारे में ..शुरुवात में लगा की कुछ जादा ही सेंटी टाइप्स होगा।। थैंक गॉड कहानी पूरी होते होते सब कुछ ट्रैक पे ..:)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02251524191590102500noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6334436849193324921.post-41103866199116103682013-04-09T21:11:48.769-07:002013-04-09T21:11:48.769-07:00paise se khushiyan kharidi nahi ja sakti...:)paise se khushiyan kharidi nahi ja sakti...:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.com